बदले सियासी सूरत में विकास की आस जगी
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जौनपुर। ऐतिहासिक एवं पुरातत्व के मामलों में धनी कहे जाने वाले इस जनपद में जिस हिसाब से विकास में धन खर्च किया गया उसका लाभ 25 प्रतिशत ही दिखाई दिया अब अरसे बादएक ऐसा सियासी मौका मिला है जिसमें केंद्र के साथ प्रदेश में भी उसी दल की सत्ता आयी है। लिहाजा उम्मीदों का जो सिलसिला शुरू हुआ है उसका आधार विकास के एक नए पैमाने पर जा टिकने की आस बंधी है। जिले के विशाल क्षेत्रफल को संसाधनों की ताकत मिल जाए तो निश्चित ही यहां रोजगार का एक सशक्त आधार मिल सकता है।
ऐतिहासिक धरोहर व उपजाऊ जमीनंे यहां की एक बड़ी ताकत है। फिर भी यह इलाका विकास के रूप में हमेशा पिछड़ी श्रेणी में शुमार रहा है। ऐसा भी नहीं कि सरकारी स्तर पर प्रयास नहीं किए गए। लेकिन तस्वीर वही पुरानी जैसी है। पिछले कई सालों से प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलता रहा किसान निराश हो चुका है। विकास की कसरत खूब हुई लेकिन जितने काम हुए उससे कहीं ज्यादा गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठते रहे। देखा जाए तो क्षेत्रफल की कमी नहीं है लेकिन जिस हिसाब से किसान परेशान हैं उसके पीछे देवीय आपदाओं के साथ कहीं न कहीं संसाधनों की कमी को भी एक कारण माना जा रहा है। अब जब अरसे बाद केंद्र और प्रदेश में एक ही दल की सरकार काबिज है तो ऐसे बदले सियासी सूरत में विकास को एक नई ताकत मिलने की भी उम्मीद जागी है। समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि प्रदेश में बदले निजाम से जिले को विकास में एक नया आयाम मिलेगा। पुरातत्व एवं कृषि संसाधनों को कारगर बनाना होगा तो निश्चित ही इसका लाभ लोगों को मिलेगा।
ऐतिहासिक धरोहर व उपजाऊ जमीनंे यहां की एक बड़ी ताकत है। फिर भी यह इलाका विकास के रूप में हमेशा पिछड़ी श्रेणी में शुमार रहा है। ऐसा भी नहीं कि सरकारी स्तर पर प्रयास नहीं किए गए। लेकिन तस्वीर वही पुरानी जैसी है। पिछले कई सालों से प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलता रहा किसान निराश हो चुका है। विकास की कसरत खूब हुई लेकिन जितने काम हुए उससे कहीं ज्यादा गुणवत्ता को लेकर सवाल भी उठते रहे। देखा जाए तो क्षेत्रफल की कमी नहीं है लेकिन जिस हिसाब से किसान परेशान हैं उसके पीछे देवीय आपदाओं के साथ कहीं न कहीं संसाधनों की कमी को भी एक कारण माना जा रहा है। अब जब अरसे बाद केंद्र और प्रदेश में एक ही दल की सरकार काबिज है तो ऐसे बदले सियासी सूरत में विकास को एक नई ताकत मिलने की भी उम्मीद जागी है। समाज के प्रबुद्ध लोगों का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि प्रदेश में बदले निजाम से जिले को विकास में एक नया आयाम मिलेगा। पुरातत्व एवं कृषि संसाधनों को कारगर बनाना होगा तो निश्चित ही इसका लाभ लोगों को मिलेगा।