मंहगा आटा बिगाड़ रहा गरीबोें के रोटी का स्वाद
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जौनपुर। बाजार में गेहूं की नई फसल आने में एक महीने से अधिक का समय बचा हुआ है। बाजार में पुराने गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है। पिछले महीनों में गेहूं की कीमत करीब दो रुपये किलो तक बढ़ गई है। इससे गरीबों की रोटी महंगी हो गई है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1500 से बढ़ाकर 1625 रुपये कुन्टल कर दिया है। इसके बाद भी पिछले कुछ महीनों से गेहूं का भाव निरंतर बढ़ रहा है। पिछले महीने दो हजार रुपये प्रति कुन्टल बिकने वाला गेहूं अब करीब 2100 रुपये तक पहुंच गया है। गेहूं की बढ़ती कीमत से आटे की कीमत में भी वृद्धि हो गई है। आटा भी इस समय 22 रुपये किलो से लेकर 25 रुपये किलो तक बिक रहा है। व्यापारियों का मानना है कि नई फसल आने तक भाव में कमी नहीं आएगी। मंडी में पुराना गेहूं ही बिक रहा है। इसकी कीमत बढ़ जाने से गेहूं का कारोबार भी कम हो गया है।गेहूं मांग बढ़ने से उसकी कीमत भी बढ़ रही है। हर साल नई फसल आने से कुछ महीने पहले कीमत बढ़ना शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार जो सारा रिकार्ड की तोड़ दिया है। गेहूं समर्थन मूल्य से करीब छह सौ रुपये प्रति कुन्तल महंगा हो गया है। इस कारण आटा के भी दाम बढ़ रहे है। गरीबों का कहना है कि इस बार महंगाई अधिक होने से सारा बजट खराब हो गया। आटे की कीमत भी आसमान छू रही है। पहले आटा बीस रुपये किलो मिल रहा था, जोकि अब 25 रुपये तक पहुंच गया है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है।