सरकार के गठन पर लगी अफसरों की नजर
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जौनपुर। सूबे की सत्ता बसपा और समाजवादी पार्टी के इर्द-गिर्द की ही घूम रही थी। ऐसा ही कुछ इस बार भी होने जा रहा है, ये कयास ज्यादा लग रहे थे लेकिन जिस तरह भाजपा ने पासा पलटा, उससे सभी भौचक्क रह गए। ज्यादातर अफसर भी गच्चा खा गए। अब अफसरों की नजरें नई सरकार के गठन पर टिकी हैं। कुर्सी पाने और बचाने के लिए जुगाड़ तलाशा जा रहा है। सत्ता में रहने की वजह से सपा या फिर बसपा के नेता ही सरकारी अमले के खास रहते चले आ रहे थे। अब जिस तरह सत्ता की चाबी अखिलेश यादव और मायावती से छिनने के बाद भाजपा के गलियारों में पहुंची है, एक झटके में अफसरों का नजरिया बदल गया। भाजपा के नेता और विधायक अमले के खास हो गए हैं। सरकार के गठन की कसरत चल रही है, उससे पहले ही मुख्यमंत्री और संभावित मंत्रियों के नाम जानने के लिए अपने सम्पर्को का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताकि उनसे संबंध निकालकर मनचाही तैनाती हासिल की जा सके। यह तय है कि सरकार के गठन के साथ ही प्रशासनिक और पुलिस अमले से लेकर दूसरे सभी महत्वपूर्ण विभागों में बड़े पैमाने पर फेरबदल होगा। उससे जिला भी प्रभावित होंगे। कहीं खराब जगहों पर न फेंक दिए जाएं, यह सोचकर अफसर परेशान हैं। फिक्रमंद होने की एक वजह यह भी है, बहुत से अफसरों ने जिले में महत्वपूर्ण कुर्सी पर रहते हुए भाजपा नेताओं से खुलकर पंगा लिया। जाहिर सी बात है, भाजपा की सत्ता आने से अब ऐसे अफसर निशाने पर रहेंगे। बहरहाल, बदली परिस्थितियों का सामना करने के लिए अमला तैयार है। अफसर कहते सुने जा रहे हैं, जहां नई सरकार चाहेगी काम करेंगे। फिलहाल अफसर पुरानी सरकार की प्राथमिकताओं वाले फोल्डर, मुख्यमंत्री के फोटो वाली सामग्री दफ्तरों से बाहर करने में जुट गए हैं। होली की छुंट्टी के बाद बुधवार को जब दफ्तर खुलें तो अफसर और उनके मातहत सत्ता में आए बदलाव के असर से सराबोर नजर आयंें।