छः से 18 लाख आय वाले भी कर सकते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु आवेदन
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जौनपुर। केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास
योजना (शहरी) के अर्न्तगत अब छः से अठ्ठारह लाख वार्षिक आय वाले व्यक्ति भी
ऋण से जुड़ी ब्याज सब्सिडी आवास योजना का लाभ उठा सकते हैं, जबकि इसके
पूर्व छः लाख तक के वार्षिक आय वाले कमजोर वर्ग (ई0डब्ल्यू0एस0/एल0आई0जी0)
के लोग ही आवेदन करने हेतु पात्र थे।
परियोजना
अधिकारी डूडा एम0पी0 सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के
नवीन घटक एम.आई.जी-1 के अर्न्तगत छः से बारह लाख वार्षिक आय वाले
व्यक्तियों को 09 लाख रूपये का गृह ऋण 04 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सब्सिडी के
साथ बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। एम.आई.जी-1 लाभार्थियों के पास कम
से कम 90 वर्ग मीटर जमीन होना जरूरी है। इसी प्रकार एम.आई.जी.-2 के
अर्न्तगत बारह से अठ्ठारह लाख वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 12 लाख रूपये
का गृह ऋण 03 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सब्सिडी के साथ बैंकों द्वारा उपलब्ध
कराया जायेगा ऐसे लाभार्थियों के पास कम से कम 110 वर्ग मीटर जमीन होना
जरूरी है। उन्होंने बताया कि एम.आई.जी-1 एवं एम.आई.जी-2 योजना दिनांक 31
दिसम्बर 2017 को समाप्त हो जायेगी। यह योजना पूर्णतः केन्द्र सरकार की
योजना है। उक्त योजना के सम्बन्ध में अधिक जानकारी किसी भी कार्यदिवस में
कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।
परियोजना
अधिकारी डूडा एम0पी0 सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
पूर्णतः ठेकेदारी प्रथा से मुक्त है। धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे
भेजी जायेगी और लाभार्थी स्वयं आवास का निर्माण करायेगा। उन्होंने बताया
कि कतिपय समाचार पत्रों द्वारा झूठी खबर प्रकाशित कर भ्रम फैलाया जा रहा है
कि प्रधानमंत्री आवास योजना में डूडा के कर्मचारियों एवं ठेकेदारों द्वारा
रूपया लेकर लाभार्थियों का आवास निर्माण कार्य प्रारम्भ कराकर अधूरा छोड़
दिया गया है, जो पूर्णतया असत्य एवं निराधार है। उन्होंने बताया कि
प्रधानमंत्री आवास योजनार्न्तगत जनपद जौनपुर में शासन द्वारा चयनित
संस्था-सरयू बाबू इंजीनियरिंग इण्डिया प्रा0लि0 द्वारा लाभार्थियों का
सर्वे कार्य एवं प्लान आफ एक्शन तैयार करने की कार्यवाही प्रगति पर है। इस
योजनार्न्तगत कहीं भी किसी आवास का निर्माण कार्य प्रारम्भ नहीं है। कतिपय
समाचार पत्रों द्वारा प्रकाशित की गयी खबर डूडा के कर्मचारियों एवं
ठेकेदारों द्वारा रूपया लेकर लाभार्थियों का आवास निर्माण कार्य का खण्डन
किया जाता है।

