वेब पत्रकारिता की पकड़ का कोई मुकाबला नहीं : एस एम् मासूम
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आने वाला समय अंतरजाल पत्रकारिता का ही होगा
जौनपुर। सोशल नेटवर्किंग वेबसाईट केवल विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का सबसे शषत माध्यम ही नहीं बल्कि आपकी बात पूरे विश्व तक पहुंचाने और लोगों को एक साथ जोड़ने का भी सबसे सशक्त माध्यम बन सकता है और इसे साबित करके दिखाया है पचपन वर्षीय जौनपुर पानदरीबा निवासी एस एम् मासूम ने |
एस एम् मासूम ने अंतरजाल की ताक़त को पहचाना और सबसे पहले २००९ अमन का पैगाम नमक नामक ब्लॉग बनाया जिसमे उन्होंने विश्व स्तर के हिंदी ब्लॉगर को जोड़ा और सामने मिल के पूरे विश्व को अमन का पैगाम दिया और कोशिश की अंतरजाल पे नफरत फैलाने वालों को समझाया जा सके |
जौनपुर शहर अंतरजाल पे अब एस एम् मासूम के नाम से पहचाना जाता है और केवल इतना ही नहीं एस एम् मासूम को न्यू मीडिया या वेब पत्रकारिता का जौनपुर शहर में जन्मदाता कहा जाता है | एस एम् मासूम ने जौनपुर के पत्रकार जगत और ब्लॉगर को जागरूक किया और आज जितने भी न्यूज़ पोर्टल जौनपुर में चल रहे हैं वे एस एम् मासूम के जागरूक अभियान का ही नतीजा है जिसे उन्होंने अकेले अपने जौनपुर प्रवास के दौरान अंजाम दिया क्यूँ की आपका मान ना है की आने वाला समय अंतरजाल पत्रकारिता का ही होगा |
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