सच्चे मन से मांगी गई दुआ अल्लाह पूरी करता है : मौलाना शकील
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जौनपुर। नगर के सिपाह स्थित गुफरान अहमद के आवास पर सोमवार को इफ्तार पार्टी का इंतजाम हुआ। सैकड़ों लोगों ने एक साथ खजूर से रोजा खोला। इसके बाद भोजन का इंतजाम था जिसका जायका सभी ने लिया। मगरिब की नमाज के बाद मुल्क की तरक्की और शांति के लिए दुआ कराई गई।
पचहटिया स्थित मस्जिद के इमाम मौलाना शकील ने कहा कि सभी का फर्ज है कि रमजान में रोजा रखा जाए। इस महीने की बड़ी फजीलत है। सच्चे मन से मांगी गई दुआ अल्लाह पूरी करता है। बंदों के गुनाहों को भी वो माफ कर देता है। रमजान का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है। रोजा रखने का मतलब सिर्फ ये नहीं कि भूखा और प्यासा रहा जाए बल्कि अपनी सभी इच्छाओं पर काबू पाना भी जरूरी है। इस माह में की गई नेकियों का सत्तर गुना सवाब मिलता है। आयोजक ने कहा कि रोजा इफ्तार कराना बहुत बड़ा सवाब है। अमीर-गरीब सभी एक साथ कतार में बैठ कर इफ्तार करते हैं। इससे आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। इस मौके पर डा. इरफान अहमद, रिजवान अहमद, फरहान अहमद, कलीम, जावेद, परवेज, तारिक, मुशीर, डा. अब्दुर्रहमान मुजाहिद, डा. अरीबुज्जमा आदि उपस्थित रहे।
पचहटिया स्थित मस्जिद के इमाम मौलाना शकील ने कहा कि सभी का फर्ज है कि रमजान में रोजा रखा जाए। इस महीने की बड़ी फजीलत है। सच्चे मन से मांगी गई दुआ अल्लाह पूरी करता है। बंदों के गुनाहों को भी वो माफ कर देता है। रमजान का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों महत्व है। रोजा रखने का मतलब सिर्फ ये नहीं कि भूखा और प्यासा रहा जाए बल्कि अपनी सभी इच्छाओं पर काबू पाना भी जरूरी है। इस माह में की गई नेकियों का सत्तर गुना सवाब मिलता है। आयोजक ने कहा कि रोजा इफ्तार कराना बहुत बड़ा सवाब है। अमीर-गरीब सभी एक साथ कतार में बैठ कर इफ्तार करते हैं। इससे आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। इस मौके पर डा. इरफान अहमद, रिजवान अहमद, फरहान अहमद, कलीम, जावेद, परवेज, तारिक, मुशीर, डा. अब्दुर्रहमान मुजाहिद, डा. अरीबुज्जमा आदि उपस्थित रहे।

