विभागों का कराना होगा जीएसटी का रजिस्ट्रेशन
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मिर्जापुर। जिलाधिकारी बिमल कुमार दूबे के निर्देश के क्रम मे अपर जिलाधिकारी विजय बहादुर की अध्यक्षता में विभागो पर लागू होने वाले जीएसटी (गुड्ड एण्ड सर्विसेस टैक्स) के बारे में जानकारी देने के लिए सभी जनपदीय अधिकारियों/आहरण वितरण अधिकारियों के साथ बैठक कर जानकारी दी गयी। इस अवसर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग जीएसटी के अन्तर्गत नियमानुसार समय से पंजीकरण करा ले। उन्होने कहा यह पंजीकरण जीएसटी पोर्टल पर आरईजी-7 प्रारूप पर आनलाइन निःशुल्क होगा।
सहायक आयुक्त व्यापार कर सीमा रानी ने बताया कि जीएसटी 1 जुलाई से लागू किया जा रहा है, इसके तहत विभिन्न प्रकार के सभी टैक्स को समाप्त करते हुए एक कर प्रणाली बनायी गयी है। उन्होने बताया कि अब तक विभिन्न प्रकार के 17 टैक्स लागू था, जिसे समाप्त कर एक टैक्स का दायरा निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि कोई भी विभाग, प्राधिकरण, एजेन्सी, व्यक्ति/व्यक्तियों का वर्ग के द्वारा कोई वस्तु सेवा की सप्लाई प्राप्त करता है, तो उसमे धारा 52 के अन्तर्गत टैक्स कटौती का प्रावधान किया गया है। उन्होने बताया कि किसी भी विभाग के द्वारा एक कान्टैक्ट पर सप्लाई की जाती है तो, और उसकी राशि ढाई लाख या उससे अधिक होगी तो उस पर दो प्रतिशत टैक्स देय होगा। इस दो प्रतिशत टैक्स से एक प्रतिशत प्रदेश सरकार तथा एक प्रतिशत केन्द्र सरकार के जीएसटी खाते में जमा की जायेगी। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि सभी कार्यालयध्यक्षों को जीएसटी पोर्टल पर आरईजी पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्होने यह भी बताया कि प्रत्येक माह का विवरण का दाखिला अगले माह के 10 तारीख तक जीएसटीआर-7 पर अनिवार्य रूप अपलोड़ करना होगा। उसके पाॅच दिन के भीतर आपूर्ति करता को जीएसटीआर-7 ए प्रमाण पत्र देना होगा, रिटर्न समय से दाखिल न करने पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर्थदण्ड के साथ दाखिल करना होगा। सभी विभाग को विभाग के नाम पैन या टेन होना आवश्यक है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी विधु गुप्ता, सीएमएस, ओपी शाही, व्यापार कर के सभी सहायक आयुक्त, एसओसी चकबन्दी, संजय श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर, मुख्य कोषाधिकारी अमर सिंह के अलावा अन्य सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
सहायक आयुक्त व्यापार कर सीमा रानी ने बताया कि जीएसटी 1 जुलाई से लागू किया जा रहा है, इसके तहत विभिन्न प्रकार के सभी टैक्स को समाप्त करते हुए एक कर प्रणाली बनायी गयी है। उन्होने बताया कि अब तक विभिन्न प्रकार के 17 टैक्स लागू था, जिसे समाप्त कर एक टैक्स का दायरा निर्धारित किया गया है। उन्होने बताया कि कोई भी विभाग, प्राधिकरण, एजेन्सी, व्यक्ति/व्यक्तियों का वर्ग के द्वारा कोई वस्तु सेवा की सप्लाई प्राप्त करता है, तो उसमे धारा 52 के अन्तर्गत टैक्स कटौती का प्रावधान किया गया है। उन्होने बताया कि किसी भी विभाग के द्वारा एक कान्टैक्ट पर सप्लाई की जाती है तो, और उसकी राशि ढाई लाख या उससे अधिक होगी तो उस पर दो प्रतिशत टैक्स देय होगा। इस दो प्रतिशत टैक्स से एक प्रतिशत प्रदेश सरकार तथा एक प्रतिशत केन्द्र सरकार के जीएसटी खाते में जमा की जायेगी। उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि सभी कार्यालयध्यक्षों को जीएसटी पोर्टल पर आरईजी पर आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उन्होने यह भी बताया कि प्रत्येक माह का विवरण का दाखिला अगले माह के 10 तारीख तक जीएसटीआर-7 पर अनिवार्य रूप अपलोड़ करना होगा। उसके पाॅच दिन के भीतर आपूर्ति करता को जीएसटीआर-7 ए प्रमाण पत्र देना होगा, रिटर्न समय से दाखिल न करने पर 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर्थदण्ड के साथ दाखिल करना होगा। सभी विभाग को विभाग के नाम पैन या टेन होना आवश्यक है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी विधु गुप्ता, सीएमएस, ओपी शाही, व्यापार कर के सभी सहायक आयुक्त, एसओसी चकबन्दी, संजय श्रीवास्तव, डिप्टी कलेक्टर, मुख्य कोषाधिकारी अमर सिंह के अलावा अन्य सभी अधिकारी उपस्थित रहे।