अब केन्द्रों पर मनेगा बचपन और लाडली दिवस

जौनपुर। सरकार ने बाल विकास कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बचपन, लाडली और ममता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसमें शिशुओं, गर्भवती धात्री महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को पौष्टिक आहार दिया जाएगा। साथ ही बच्चों का जन्म दिन भी मनाया जाएगा। शिशुओं को अन्नप्रासन भी कराया जाएगा, जिसमें उनको गाढ़ा पौष्टिक आहार दिया जाएगा। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह से छह वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाएं एवं 11 से 18 वर्ष आयु किशोरी बालिकाओं को अनुपूरक पुष्टाहार सहित छह प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती है। बाल्यावस्था, किशोरावस्था तथ गर्भावस्था जीवन चक्र की महत्वपूर्ण अवस्थाएं हैं। सरकार की मंशा है कि इन अवस्थाओं में स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देकर मातृ शिशु पोषण स्तर में सुधार किया जा सकता है। आंगनबाड़ी केंद्र पर पुष्टाहार वितरण तिथि हर माह के पांच, 15 व 25 निर्धारित की गई है। केंद्र पर आने लाभार्थियों को स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाएगा। पोषण में प्रगति लाने के उद्देश्य से इन्हीं तिथियों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर जन सहयोग से बचपन दिवस, ममता दिवस तथा लाडली दिवस आयोजित किया जाएगा। उत्तर प्रदेश शासन की सचिव अनीता मेश्राम ने बाल विकास एवं पोषाहार के निदेशक को पत्र लिख अवगत कराया है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर जन सहयोग के माध्यम से हर माह के पांच तारीख को बचपन दिवस मनाया जाएगा। अगर उस दिन अवकाश रहेगा तो अगले दिन इस दिवस पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी। ममता दिवस हर माह में 15 तारीख को मनाया जाएगा। पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी व्यवहारों के प्रति समुदाय में जागरूकता लाने तथा उनको प्रेरित करना । पोषण व स्वास्थ्य की मांग को बढ़ाना। यह गतिविधि आंगनबाड़ी केंद्रों व पंचायत भवन पर किया जाएगा। ममता दिवस पर माता-पिता, परिवार के सदस्य, मातृ समितियों के सक्रिय सदस्य, समुदाय के प्रमुख, स्वयं सहायता समूह, आंगनबाडी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम एवं मुख्य सेविका उपस्थित रहेगी। सीमांत एवं अनुसूचित परिवार के सदस्य शामिल होंगे। सबला किशोरी शक्ति योजना में चयनित बालिकाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। ममता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। गर्भवती महिलाएं जिसके छह माह पूर्ण हो चुके हैं, उनकी गोदभराई की जाएंगी तथा अन्य माताओं की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। गर्भावस्था के दौरान प्रसव से पूर्व जांचों की जानकारी दी जाएगी। प्रथम स्तनपान शिशु को गाढ़ा दूध यानी कोलस्ट्राल जन्म के तुरंत बाद पिलाया जाय। न शहद, न घुट्टी न पानी संबंधी सलाह दिया जाएगा। मां को आयरन फोलिक नियमित दी जाएगी। लाडली दिवस माह के 25 तारीख को मनाया जाएगा। 11 से 18 वर्ष की किशोरियों को माह में एक बार आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुलाना। किशोरियां कैल्शियम एवं लौहयुक्त आहार लेना आवश्यक हैं।

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