बिना पंजीकरण चल रही कबाड़ की दुकानें
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जौनपुर। जिला मुख्यालय और तहसील की बाजारों में इन दिनों चैराहों से लेकर गली मोहल्लों तक कबाड़ की दुकानें खुल रही हैं। बिना लाइसेंस के सालाना लाखों रुपये की आमदनी दुकानदार उठा रहे हैं। अवैध तरीके से चल रही कबाड़ की दुकानों पर सरकारी तंत्र का कोई नियंत्रण नहीं है। जिला मुख्यालय पर ही एक दर्जन से अधिक 20 लाख रूपये से अधिक मासिक कमाई करने वाली कबाड़ की दुकानें बगैर लाइसेंस के खुलेआम चल रही हैं। इन दुकानों में कबाड़ की खरीद-बिक्री की न तो रसीद दी जाती है और न ही कोई रिकॉर्ड रखा जाता है। इतना ही नहीं इनके दलाल ग्रामीण क्षेत्रों से कबाड़ खरीदकर दुकान में खपा देते हैं। प्रशासनिक ढिलाई के चलते जिले के बाहर से आए लोग इस व्यवसाय में सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोहे के सामान व घरेलू उपयोग की वस्तुओं सहित कई कीमती सामान कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीदकर लाखों कमा रहे हैं। अधिकारी कहते है कि इस संबंध में कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं है, शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।