हमले में युवक की हालत नाजुक, घूम रहे आरोपी
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जौनपुर। जिले में गंभीर अपराधों को अंजाम देने वालों के खिलाफ नियमानुसार धाराओं में मुकदमा दर्ज कराना कठिन साबित हो रहा है। इससे जहां अपराधियों के हौसले बढ़ते हैं वही पीड़ितों को न्याय मिलने में मुश्किल होती है और वे न्यायालय की शरण में जाकर पुलिस पर भरोसा न करने पर मजबूर होते है। ऐसा ही एक मामला सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के खैचनपुर गांव निवासी युवक मुनाफ पुत्र मकलूब के साथ हुआ। इस युवक को पुरानी रंजिश को लेकर इसी थाना क्षेत्र के तमरसापुर गांव निवासी अजहर और उसके पिता रईस ने राड और ईंट पत्थर से मुनाफ के सिर पर कई वार रंक्त रंजित कर दिया जब वह घर से कुछ दूर स्थित गोमती के घाट पर कपड़ा धोने बीते बुधवार को गया था। मरणासन्न हालत में उसे छोड़कर पिता पुत्र वहां से फरार हो गये। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां वह चार दिन से जीवन मौत के बीच झूल रहा है। तहरीर देने पर पुलिस महज एनसीआर दर्ज कर लिया। हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। परिजनों का कहना है कि वह घायल का इलाज कराये कि अथवा न्यायालय का दरवाजा खटखटाये। हमले की वजह चाहे जो वह लेकिन किसी को कानून को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। पुलिस जब ऐसे मामले में लापरवाही बरतती है तो बड़ी घटनायें सामने आ जाती है। इसी प्रकार कई मामलों में पुलिस एनसीआर दर्ज कर खुद को तो सुरक्षित कर लेती है लेकिन हत्या जैसे वारदात होती है । यदि पुलिस गंभीर अपराध के अनुसार मुकदमा दर्ज करे तो अपराधियों के हौसले कमजोर हो और अपराध पर विराम लगे।