गांधी का सपना था कि गांव के विकास की योजना गांव में बने
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जौनपुर। विकास खण्ड खुटहन के ग्राम मलुकपुर में बनवासी सेवा आश्रम सोनभद्र की
प्रेरणा से ग्रामीण विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान कटका, करंजाकला जौनपुर
द्वारा ग्राम स्तरीय ग्राम स्वराज कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ग्राम
स्तरीय ग्राम स्वराज बैठक को सम्बोधित करते हुये सामाजिक कार्यकर्ता रमेश
यादव ने कहा कि ग्राम स्वराज महात्मा गांधी का सपना था कि गांव के विकास की
योजना गांव में बने, सभी हाथ को काम मे ले, ग्रामो उद्योग की स्थापना हो,
प्रत्येक गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा की स्थापना हो और गांव का
झगड़ा गांव में पंच के माध्यम से निपटे, वस्तु, धन, दान के लिए ग्राम कोष की
स्थापना हो, प्रेम व्यवहार सभी से हो गांव की सफाई सभी लोग मिलकर करें
जिससे पूरा गांव स्वच्छ व सुन्दर हो। गांव का अपना राज स्वराज की कल्पना को
पूरा करने के लिए ग्राम सभा सबसे बड़ी इकाई है। सरकारी योजनाओ पर लोगो को
निर्भता खत्म कर ग्राम स्वराज की तरफ बढ़ने की जरूरत है इसमें सभी को आगे
आना चाहिए।
संस्था की कार्यकर्ता शिल्पी यादव व रंजना ने ग्राम
स्वराज की गीत बोल रहा है सन्त विनोवा करके ऊची बाह रे, ग्राम स्वराज से बन
जायेगा, गोकुल अपना गांव रे। भूमिहिन को भूमि मिलेगी, भूखे को दान पानी,
समता के पौधे पनपेगें ऐसा बरसेगा पानी, झगड़े झझट दूर रहेगें, सुखद शान्ति
की हवा चले ग्राम स्वराज के तालाबो में आजादी के कमल खिले, बेकारो को काम
मिलेगा, बे मकान को ठांवरे।
संस्था के समन्यवक शैलेन्द्र निषाद
ने पानी के विषय में चर्चा करते हुये कहा कि आज हम सबके सामने जलवायु
परिवर्तन का बढ़ता प्रभाव सबसे बड़ी चुनौती है। बेमौसम बरसात, सूखा,
ओलावृष्टि बड़ी चुनौती है जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव समाज के
निर्धनतम और कमजोर वर्ग पर पड़ रहा है। आज किसानी चौपट हो रही है जिसके कारण
किसान किसानी को छोड़कर पलायन करने या मजदूरी करने को विवश है। लोगो ने षपथ
लिया कि पशुओं एवं गाड़ी की धुलाई के लिए कम पानी कम खर्च करेगें, प्रतिदिन
सुबह दातून या मंजन करते समय टोटी या हैन्डपम्प से सीधे पानी न लेकर बल्कि
बर्तन का प्रयोग करेगें। जल संरक्षण को लेकर पूरे गांव पर्चा भी बाटा गया।
इस मौके पर गांव के दिनेश, राजेश, महेन्द्र, रामउजागीर, सुषमा, नगीना, पुष्पा, उर्मिला, आदि लोग उपस्थित रहें।