कब्र पर बेटे को खाना देती है मां, बोली- हत्यारा मरेगा तभी दूंगी 'लाल' को मुखाग्नि

 लखनऊ।  गोरखपुर में एक दंपती बदले की आग में जल रहा है। 13 साल से पहले उनके बेटे की जमीनी विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब से उन्होंने बेटे के शव का अंतिम संस्कार नहीं किया है। उन्होंने उसे अपने खेत में दफन कर रखा है। मामला झंगहा इलाके के ब्रह्मपुर गांव का है। उनका कहना है- ''बेटे को तब तक मुखाग्नि‍ नहीं देंगे, जब हत्यारे को अपने हाथों से मार न दें।
 झंगहा इलाके के ब्रम्हपुर गांव के रहने वाले विजयी और उसकी पत्नी कलावती बदले की आग में जल रहे हैं। उन्होंने बेटे का शव मकान के बगल में स्थित जमीन में दफन कर रखा है।
 विजयी और उसके परिवार के लोग कई जेनेरेशन से गांव के जमीदारों के बाग-खेतों की रखवाली के साथ जोतने-बोने का काम करते थे। इसीलिए इन्हें जमीदारों ने थोड़ी जमीन जीवन-यापन के लिए दी थी। ये बात गांव एक दबंग दरोगा पासी को नागवार गुजर रही थी।
  वो लगातार जमीन पर कब्जा करने की कोशिश में था। इस बात को लेकर दोनों के परिवारों के बीच दो-तीन बार मारपीट और फिर समझौता भी हुआ।
 
विजयी अपनी पत्नी कलावती, बेटों राजू, राज कुमार, राजा, साजन और बेटी ममता के साथ दिल्ली में रहता था। वो कप-प्लेट बनाने की एक फैक्ट्री में चीफ कारीगर था।
 फसल के मौसम में उसके बेटे आते थे और जोताई-बुआई का काम कर लौट जाते थे। इसी सिलसिले में राजा (20) जून 2005 में घर आया था। उस वक्त गांव पर उसकी मां और बहन ममता ही मौजूद थे।
 भूमि पर बुआई को लेकर राजा से दरोगा के इस बीच कुछ कहा-सुनी हुई थी। दरोगा ने धमकी देते हुए कहा था- ''तुम भूमि पर फसल नहीं बोओगे।''
 वो नहीं माना। 7 जुलाई 2005 की सुबह 8.30 बजे राजा अपने खेत में था और बारिश हो रही थी। इसी बीच छाता लगाए दरोगा उसके पास पहुंचा और तमंचा निकालकर गोली मार दी। इससे पहले कि मां-बेटी वहां पहुंचते, उसकी मौत हो गई।

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