छात्रों के प्रार्थना के समय कालाजार बीमारी के बारे में बताया जाय : जिलाधिकारी
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जौनपुर। जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार देर सायं कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय कालाजार टास्क
फोर्स समिति की बैठक सम्पन्न हुई। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ओपी सिंह ने
कालाजार बीमारी का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि यह परजीवी लीशमोनिया
डोनोवेनी के कारण होता है। बीमारी का प्रसार बालू मक्खी (फ्लैबोटोमस
अजेंटिपस) द्वारा एक संक्रमित व्यक्ति के खून को स्वस्थ्य व्यक्ति तक
पहुॅचाने से होता है। कालाजार बीमारी का लक्षण रूक-रूक कर बुखार का आना,
शरीर का वजन कम होना, भूख कम लगना, पेट का काफी बढ़ जाना आदि है। भारत सरकार
द्वारा रोग के नियन्त्रण हेतु निर्धारित लक्ष्य - वर्ष 2017 तक देश/प्रदेश
से कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित है कालाजार के नये रोगी इस वर्ष
के अन्त तक न हो। विगत वर्ष में चिन्हित रोगी के रोग से ग्रसित होने की
तिथि से तीन वर्ष तक उस ग्राम में पाक्षिक/मासिक अन्तराल पर ज्वर पीडित
रोगियों का आरके 39 कीट्स से सक्रिय निगरानी किया जाय तथा अवशेषी कीटनाशक
का छिड़काव दो चक्रों में कराया जाय। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में डोभी
विकास खण्ड में रंजना यादव (21वर्ष) का 1 केस पाया गया। जिसका इलाज के
दौरान बीएचयू में 8 दिसम्बर 2016 को मृत्यु हो गयी।
जिलाधिकारी
ने डीआईओएस एवं बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया कि छात्रों के
प्रार्थना के समय कालाजार बीमारी के बारे में बताया जाय तथा सभी विद्यालयों
में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये पम्पलेट को चस्पा भी किया
जाय। प्रधानाचार्यो द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाय कि 15 दिन से बुखार
पीड़ित छात्र अत्यधिक कमजोर हो, पेट बाहर निकला हो एवं कुपोषित हो तो उसे
समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर कालाजार की जाॅच अवश्य कराये। उन्होंने
डेगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम एवं बचाव के नियंत्रण के
सम्बन्ध में भी सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी
दिया। जिलाधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी एवं
अन्य अधिकारियों द्वारा कालाजार के बारे में जानकारी होने पर निकटतम
स्वास्थ्य केन्द्र एवं मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय को अवगत कराया जाय।
विशेष रुप से सफाईक्रर्मियों को एडीज मच्छर के प्रजनन स्रोत विनष्टीकरण का
प्रशिक्षण दिया जाय एवं उनके द्वारा पोषित जनसंख्या को एडीज के प्रजनन से
मुक्त रखने के लिए उत्तरदायी बनाना उपयोगी होगा। उन्होंने नगर पालिका/नगर
पंचायत को निर्देशित किया कि नियमित फागिंग कराई जाय। जिससे मच्छरों का
प्रकोप कम हो सके। इस अवसर पर सीडीओ आलोक सिंह, बीएसए डा. राजेन्द्र सिंह,
लेखाधिकारी डीआईओएस रमाशंकर बिन्द सहित अन्य सम्बन्धित समिति के सदस्यगण
उपस्थित रहे।