बागी बनकर उतरे प्रत्याशी अध्यक्ष के लिए रोड़ा
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जौनपुर। केराकत नगर पंचायत चुनाव में निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष समेत कुल आधा दर्जन के करीब अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं ।सपा से वर्तमान अध्यक्ष मीना साहू व सपा का टिकट कट जाने से बागी प्रत्याशी के रूप में चुनावी जंग में उतरे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष सरीता गुप्ता के ज्येष्ठ विजय गुप्ता तथा सपा नेत्री रही सबनमनाज टिकट नहीं मिलने और पार्टी पर निष्ठावान कार्यकर्ताओं की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम अध्यक्ष पद के लिए मैदान ए जंग में ताल ठोक कर उतर गई हैं ।केंद्र और प्रदेश में सत्तासीन भाजपा ने अशोक जायसवाल को अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के रूप में चुनावी समर के जंग में दूसरी बार प्रत्याशी के रूप में उतारा है। वही पार्टी है जहां यह सपना देख रही है कि सत्ता प्रभाव से जन समर्थन हासिल कर अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल कर लेगी । वह मात्र एक दिवस स्वप्न नजर आता है। अध्यक्ष पद से लेकर सभासद पद के लिए प्रत्याशी चयन में पार्टी संगठन से लगाए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा पार्टी के समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के चलते उन्हें काफी आंतरिक असंतोष व्याप्त है। सूत्र बताते हैं कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा को शत प्रतिशत वोट करने वाले भाजपा समर्थक मतदाता निकाय चुनाव में भाजपा को वोट कर अब तक के इतिहास में अध्यक्ष पद की कुर्सी से अछूती रही है।उनका ये अनुमान है भाजपा को आसानी से अध्यक्ष पद की कुर्सी हासिल हो जाएगी भाजपा संगठन और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों कि कुछ चंद मठाधीशों तक ही जान पहचान और निष्ठावान पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नगर पंचायत चुनाव में भाजपा काफी भारी नहीं पड़ेगी। बल्कि इस उपेक्षा की भारी कीमत भी पार्टी को चुकानी पड़ सकती है । क्योंकि निरंतर उपेक्षा से आज कार्यकर्ताओं ने भी सबक सिखाने की अंदर ही अंदर ठान ली है ।ऐसी स्थिति भाजपा को भारी पड़ सकती है ।सपा प्रत्याशी और वर्तमान अध्यक्ष मीना साहू को भी पार्टी में बागी बन चुके लोगों से काफी टक्कर मिल रही है ।शकील अंसारी निर्दल चंद्र प्रकाश उर्फ गोलू प्रजापति भाजपा से टिकट नहीं मिलने के कारण भाजपा के दागी प्रत्याशियों के रूप में अजीत कुमार गुप्त ने चुनाव मैदान में ताल ठोक कर उतर उतरे गए हैं ।भाजपा और सपा दोनों के प्रत्याशियों को उनके भावी प्रत्याशियों द्वारा जन जमकर टक्कर दी जा रही है। सभासद पद के प्रत्याशी चयन में भी मठाधीशों के चलते ऐसे लोगों को टिकट दे दिया गया है। जिनका कोई जनाधार तक नहीं है और नहीं कभी जनता के दुख दर्द में उनकी दूर-दूर तक कोई सहभागिता रही है। भाजपा के प्रत्याशी चयन में सब कुछ ताक पर रखकर मनमाने ढंग से प्रत्याशी घोषित कर अपने ही हाथों खुद अपनी पीठ थपथपाने का कार्य किया है ।जो अपने आने वाले चुनाव में भाजपा की काफी भारी पड़ सकता है।