नपेंगे योगी के कुछ बड़बोले मंत्री, बदले जाएंगे 40 बीजेपी जिलाध्यक्ष
https://www.shirazehind.com/2018/01/40.html
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ऐसी चर्चा है कि जनवरी के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। सियासत के अंदरखानों में ऐसी चर्चा है कि योगी सरकार में शामिल कुछ बड़बोले मंत्री नपेंगे, तो वहीं पश्चिमी यूपी के कुछ बीजेपी विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
सूत्रों की मानें, तो पश्चिमी उत्तरपदेश के मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, बरेली के कुछ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। खासकर दलित व ओबीसी वर्ग से आने वाले विधायकों को तरजीह मिल सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में नगर निगम और नगरपालिका के चुनावों में भाजपा को उतनी सफलता नहीं मिल पाई है, जितनी पूर्वी उत्तर प्रदेश में मिली है।
भाजपा को चिंता इस बात की है कि 2019 में दलित वोट बैंक अगर मायावती की बसपा के साथ एकमुश्त चला गया, तो यह भाजपा के लिए बेहद नुकसानदायक होगा। विधानसभा चुनाव व इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 में बसपा के वोट बैंक में भाजपा ने अच्छी-खासी सेंधमारी कर ली थी।
सूत्रों के मुताबिक अब दलित वोट बैंक को 2019 तक अपने साथ बनाए रखने के लिए पश्चिमी यूपी के कुछ दलित विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के काम की समीक्षा भी की गई है। कहा जा रहा है कि कुछ मंत्री समीक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं।
इन्हें कामकाज का अनुभव न होने और बड़बोलेपन के चलते कई बार बीजेपी के सामने असहज स्थिति आ चुकी है। भाजपा नेतृत्व चाहता है कि उत्तर प्रदेश में एक ऐसी टीम बने जो अनुभव के साथ-साथ हर तरह से हर मोर्चे पर फिट हो। कई मंत्रियों के बारे में संगठन व संघ को शिकायत मिलने के बाद भी इस फेरबदल में तेजी दिखाई जा रही है।
जनवरी के अंत तक फेरबदल लगभग तय
जनवरी के अंत तक यूपी के मंत्रिमंडल में फेरबदल होना लगभग तय हो गया है। कुछ महिला मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होगा। कुछ महिला मंत्रियों को कम महत्वपूर्ण विभाग मिलेंगे। मंत्रिमंडल में कई महिला चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।
बदले जाएंगे 40 जिलाध्यक्ष
लगभग 40 जिलाध्यक्षों को भी पार्टी संगठन बदलने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक इनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार शिकायत हाईकमान को मिल रही थी। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने यह सुगबुगाहट है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा मजबूत होती चली गई, तो यह उसके लिए खतरे की घंटी होगी और इस पर भाजपा ध्यान दे रही है, ताकि उत्तर प्रदेश में बसपा को मजबूती न मिले।
भाजपा को चिंता इस बात की है कि 2019 में दलित वोट बैंक अगर मायावती की बसपा के साथ एकमुश्त चला गया, तो यह भाजपा के लिए बेहद नुकसानदायक होगा। विधानसभा चुनाव व इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 में बसपा के वोट बैंक में भाजपा ने अच्छी-खासी सेंधमारी कर ली थी।
सूत्रों के मुताबिक अब दलित वोट बैंक को 2019 तक अपने साथ बनाए रखने के लिए पश्चिमी यूपी के कुछ दलित विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के मंत्रियों के काम की समीक्षा भी की गई है। कहा जा रहा है कि कुछ मंत्री समीक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं।
इन्हें कामकाज का अनुभव न होने और बड़बोलेपन के चलते कई बार बीजेपी के सामने असहज स्थिति आ चुकी है। भाजपा नेतृत्व चाहता है कि उत्तर प्रदेश में एक ऐसी टीम बने जो अनुभव के साथ-साथ हर तरह से हर मोर्चे पर फिट हो। कई मंत्रियों के बारे में संगठन व संघ को शिकायत मिलने के बाद भी इस फेरबदल में तेजी दिखाई जा रही है।
जनवरी के अंत तक फेरबदल लगभग तय
जनवरी के अंत तक यूपी के मंत्रिमंडल में फेरबदल होना लगभग तय हो गया है। कुछ महिला मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होगा। कुछ महिला मंत्रियों को कम महत्वपूर्ण विभाग मिलेंगे। मंत्रिमंडल में कई महिला चेहरे शामिल किए जा सकते हैं।
बदले जाएंगे 40 जिलाध्यक्ष
लगभग 40 जिलाध्यक्षों को भी पार्टी संगठन बदलने पर विचार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक इनकी कार्यप्रणाली को लेकर लगातार शिकायत हाईकमान को मिल रही थी। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के अंदरखाने यह सुगबुगाहट है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बसपा मजबूत होती चली गई, तो यह उसके लिए खतरे की घंटी होगी और इस पर भाजपा ध्यान दे रही है, ताकि उत्तर प्रदेश में बसपा को मजबूती न मिले।