जानिए, सीएम योगी की इंट्री और तोगड़िया के आउट होने की वजह

इलाहाबाद। विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल की बैठक और संत सम्मेलन 19 जनवरी को इलाहाबाद के माघ मेले में होगा। इन दोनों कार्यक्रमों के जरिये ही वीएचपी साल भर के कार्यक्रमों व आंदोलनों की रूपरेखा तय करेगी। ख़ास बात यह है कि अपने एनकाउंटर की आशंका जताने वाले वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगड़िया दोनों कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे, जबकि वीएचपी के कैंप में होने वाले संगठन के संत सम्मेलन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शिरकत करेंगे।
बैठक और सम्मेलन में राम मंदिर से लेकर गाय, गंगा और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रणनीति तय की जाएगी, लेकिन वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष तोगड़िया के आंसुओं व उनके उत्पीड़न के आरोपों को एजेंडे से बाहर रखा गया है।    
इलाहाबाद के माघ मेले में 19 जनवरी को होने वाले विश्व हिंदू परिषद के संत सम्मेलन में शामिल होने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी मंजूरी दे दी है। सीएम ऑफिस से हरी झंडी मिलने के बाद इलाहाबाद और माघ मेला प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। तय कार्यक्रम के मुताबिक़ सीएम योगी सुबह होने वाली मार्गदर्शक मंडल की बैठक में नहीं शामिल होंगे, लेकिन वीएचपी के कैंप में आयोजित संत सम्मेलन में शिरकत करेंगे। सीएम योगी दोपहर तकरीबन पौने दो बजे  हवाई मार्ग से माघ मेले में पहुंचेंगे। 
फिलहाल उनका कार्यक्रम सिर्फ वीएचपी के सम्मेलन में ही दो घंटे तक रहने का है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि सम्मेलन में पहुंचने से पहले वह मेले के इंतजामों का जायज़ा लेने के साथ ही कुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा भी कर सकते हैं।

सीएम योगी वीएचपी के मंच पर न सिर्फ दो घंटे तक मौजूद रहेंगे, बल्कि भाषण भी देंगे। वीएचपी पदाधिकारियों का दावा है कि उन्हें सीएम की हैसियत से नहीं बल्कि मार्गदर्शक मंडल के सदस्य होने के नाते कार्यक्रम में बुलाया गया है। सदस्य रहते हुए सीएम चुने जाने पर दूसरे सदस्यों व पदाधिकारियों द्वारा उनका सम्मान भी इस सम्मेलन में किया जाएगा।

योगी के साथ डिप्टी सीएम केशव मौर्य भी रहेंगे। केशव वीएचपी में कई ज़िम्मेदार पदों पर रह चुके हैं। सीएम योगी के शामिल होने से वीएचपी का यह आयोजन जहां चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं संगठन के इस बेहद अहम कार्यक्रमों में कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया शिरकत नहीं करेंगे। उनका इलाहाबाद आने का भी कोई कार्यक्रम नहीं है। इतना ही नहीं मार्गदर्शक मंडल की बैठक और संत सम्मेलन के लिए जो एजेंडे तय किये गए हैं, उनमें तोगड़िया के कथित उत्पीड़न का मामला शामिल नहीं है। वीएचपी के ज़िम्मेदार लोग पहले ही यह साफ़ कर चुके हैं कि बैठक और सम्मेलन में तोगड़िया को लेकर किसी तरह की कोई चर्चा नहीं होगी।  
 वीएचपी के इस आयोजन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की इंट्री जहां चर्चा का विषय बनी हुई है, वहीं संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया का शामिल न होना उससे भी ज़्यादा चौंकाने वाला फैसला है। उम्मीद जताई जा रही है कि सीएम योगी को अपने मंच पर बुलाकर वीएचपी अगले साल के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ज़मीन तैयार करने का काम करेगी तो वहीं संगठन बीजेपी के बड़े नेताओं से अक्सर नाराज़गी जताने वाले अपने कार्यकारी अध्यक्ष तोगड़िया को ही हाशिये पर डाल सकती है।  

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