शिवनगरी में पाताल मार्केट, प्रशासन में हडकंप, एफआईआर दर्ज
https://www.shirazehind.com/2018/01/blog-post_537.html
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से महज कुछ दूरी पर बनाए जा रहे अवैध बेसमेंट मार्केट के खुलासे के बाद पुलिस ने इस प्रकरण में 7 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं इस पूरे प्रकरण की जानकारी होने के बाद शासन स्तर से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके लिए डीएम ने मजिस्ट्रेट को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
वीडीए(वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने सात लोगों को नामजद करते हुए इनके खिलाफ तहरीर दी थी। जिनके खिलाफ चौक थाने में 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। चौक पुलिस के मुताबिक इस मामले में लईक अहमद और शाहिद अली को गिरफ्तार किया गया है। जबकि नामजद मंसूर अहमद, शमसेर आलम, शाहिद अली, आलिया, शायरा बानो, फरजाना के साथ कुछ अज्ञात लोगों की तलाश की जा रही है।
वहीं मामले को हाइप मिलने के बाद शासन स्तर से प्रकरण की रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके लिए डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने सिटी मजिस्ट्रेट डॉ विश्राम को जांच अधिकारी बनाकर 24 घंटे में अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा है। देर रात कमिश्नर और आईजी भी यहां पहंचे और जांच पड़ताल की। वही इस पूरे मामले की रिपोर्ट एसएसपी वाराणासी ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी कार्यालय व डीजी इंटेलीजेंस को भेजी है और जांच को एसपी सिटी के नेतृत्व में कमेटी गठित की है।
पूरे प्रकरण की जांच एक्सपर्ट की टीम करेगी जिसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बाहर से एक्सपर्ट को बुलाया है। इसके अलावा पूरे दालमंडी में हुए इस तरह के अवैध निर्माण की पड़ताल करने के लिए डीएम की तरफ से 5 विभागों की टीम को मिलाकर एक टास्क फोर्स बनाई गई है।
टास्क फोर्स में वाराणसी विकास प्राधिकरण नगर निगम पुलिस राजस्व और प्रशासन की तरफ से अधिकारी शामिल रहेंगे। वीडीए सचिव का कहना है कि यह भी जांच कराई जा रही है कि बेसमेंट मजबूत बनाया गया है या फिर कमजोर है यदि कमजोर होगा तो ऊपर की दुकानों को भी धराशाही कराया जाएगा नहीं तो बेसमेंट को पटवाने का काम किया जाएगा।
बता दें कि देर रात गश्त पर निकले एसएसपी वाराणसी आर के भारद्वाज को दाल मंडी में एक अवैध रूप से तैयार हुआ बेसमेंट मार्केट मिला था। जिसकी पड़ताल में यह पता चला था कि यह मार्केट चौक क्षेत्र से लेकर बेनियाबाग क्षेत्र तक कुल 10000 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है और अंदर ही अंदर यह अंडरग्राउंड बाजार विश्वनाथ मंदिर के येलो जोन तक पहुंच गया था। वहां से येलो जोन की दूरी महज 100 मीटर बताई जा रही है जो मंदिर की सुरक्षा के साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद के लिए भी एक बड़ा रिस्क था। इस वजह से हडकंप मचा और अधिकारियों ने जांच शुरू की।
वीडीए(वाराणसी डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने सात लोगों को नामजद करते हुए इनके खिलाफ तहरीर दी थी। जिनके खिलाफ चौक थाने में 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम किया गया है। चौक पुलिस के मुताबिक इस मामले में लईक अहमद और शाहिद अली को गिरफ्तार किया गया है। जबकि नामजद मंसूर अहमद, शमसेर आलम, शाहिद अली, आलिया, शायरा बानो, फरजाना के साथ कुछ अज्ञात लोगों की तलाश की जा रही है।
वहीं मामले को हाइप मिलने के बाद शासन स्तर से प्रकरण की रिपोर्ट मांगी गई है। जिसके लिए डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने सिटी मजिस्ट्रेट डॉ विश्राम को जांच अधिकारी बनाकर 24 घंटे में अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा है। देर रात कमिश्नर और आईजी भी यहां पहंचे और जांच पड़ताल की। वही इस पूरे मामले की रिपोर्ट एसएसपी वाराणासी ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी कार्यालय व डीजी इंटेलीजेंस को भेजी है और जांच को एसपी सिटी के नेतृत्व में कमेटी गठित की है।
पूरे प्रकरण की जांच एक्सपर्ट की टीम करेगी जिसके लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने बाहर से एक्सपर्ट को बुलाया है। इसके अलावा पूरे दालमंडी में हुए इस तरह के अवैध निर्माण की पड़ताल करने के लिए डीएम की तरफ से 5 विभागों की टीम को मिलाकर एक टास्क फोर्स बनाई गई है।
टास्क फोर्स में वाराणसी विकास प्राधिकरण नगर निगम पुलिस राजस्व और प्रशासन की तरफ से अधिकारी शामिल रहेंगे। वीडीए सचिव का कहना है कि यह भी जांच कराई जा रही है कि बेसमेंट मजबूत बनाया गया है या फिर कमजोर है यदि कमजोर होगा तो ऊपर की दुकानों को भी धराशाही कराया जाएगा नहीं तो बेसमेंट को पटवाने का काम किया जाएगा।
बता दें कि देर रात गश्त पर निकले एसएसपी वाराणसी आर के भारद्वाज को दाल मंडी में एक अवैध रूप से तैयार हुआ बेसमेंट मार्केट मिला था। जिसकी पड़ताल में यह पता चला था कि यह मार्केट चौक क्षेत्र से लेकर बेनियाबाग क्षेत्र तक कुल 10000 स्क्वायर फीट में फैला हुआ है और अंदर ही अंदर यह अंडरग्राउंड बाजार विश्वनाथ मंदिर के येलो जोन तक पहुंच गया था। वहां से येलो जोन की दूरी महज 100 मीटर बताई जा रही है जो मंदिर की सुरक्षा के साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद के लिए भी एक बड़ा रिस्क था। इस वजह से हडकंप मचा और अधिकारियों ने जांच शुरू की।