अकूत संपत्ति के मालिक हैं व्यावसायी आनंद खत्री, हैदराबाद से जुड़े हैं तार
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कानपुर। 96 करोड़ के पुराने नोट मिलने के मामले ने कानपुर पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। इस मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए मास्टर माइंड चर्चित उद्योगपति आनंद खत्री के तार हैदराबाद तक जुड़े बताए गए है। जहां से एजेंट के रूप में कुटेश्वर नामक व्यक्ति पूरी डील किया करता रहा। पुलिस गिरफ्तार अभियुक्तों के माध्यम से अब मामले की तह तक जाने के प्रयास में जुट गई है।
पुराने प्रतिबंधित नोट बदलने वाले गैंग के पकड़े जाने के बाद मास्टर माइंड बनकर निकले चर्चित उधोगपति व व्यवसायी आनंद खत्री की गिनती शहर के बड़े व नामी दौलतमंद लोगों में होती है। आनंद का बिजनेस न केवल शहर और लखनऊ बल्कि देश में भी फैला है। आनंद का शहर थोक बाजार जनरलगंज में कपड़े का बड़ा कारोबार है। इसके साथ साथ आनंद खत्री का पिछले कुछ सालों में रियल एस्टेट में भी दखल बहुत तेजी से बढ़ा है।
आनंद ने श्यामलीला कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई थी। इस कम्पनी ने शहर में कई कामर्शियल और रिहायशी प्रोजेक्ट बनाए है।इनके श्यामलीला पैलेस के नाम से बैंक्विट हॉल भी है। उनकी गिनती भी खरबपति लोगों में होती है।शहर में इनके आलिशान बंगले और ऑफिस बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार इनके प्रदेश के बड़े जिलो में अकूत संपत्तियां हैं।
आईजी आलोक सिंह ने मामले के खुलासे के दौरान बताया था कि आनंद पुरानी करेंसी लेकर कुल रकम का 15 प्रतिशत नए नोट दे रहा था। साथ ही आनंद इन पुराने नोटों को 40 फीसद के हिसाब से बदलता था। यह डीलिंग हैदराबाद के रहने वाले गिरफ्तार हुए एजेंट कुटेश्वर के माध्यम से होती थी। आनंद के इस कारोबार में संतोष यादव व मोहित ढींगरा भी ब्रोकर के रूप में काम करते थे।
फिलहाल शुरूआती जांच में पकड़े गए लोगों ने बताया है कि एनआरआइ कोटे से भी पुरानी करेंसी बदली जा रही थी। पुलिस पकड़े गए लोगों को अब रिमांड पर लेगी और उनके पास मिले मोबाइल नंबरों, बरामद डायरी व कागजातों सहित सभी लिंक्स को खंगाल रही है, जिससे गैंग से जुड़ अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।
साथ ही आयकर विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक अब आनंद खत्री समेत पकड़े गए लोगों के खातों की जानकारी भी कर रही है।
आनंद ने श्यामलीला कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई थी। इस कम्पनी ने शहर में कई कामर्शियल और रिहायशी प्रोजेक्ट बनाए है।इनके श्यामलीला पैलेस के नाम से बैंक्विट हॉल भी है। उनकी गिनती भी खरबपति लोगों में होती है।शहर में इनके आलिशान बंगले और ऑफिस बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार इनके प्रदेश के बड़े जिलो में अकूत संपत्तियां हैं।
आईजी आलोक सिंह ने मामले के खुलासे के दौरान बताया था कि आनंद पुरानी करेंसी लेकर कुल रकम का 15 प्रतिशत नए नोट दे रहा था। साथ ही आनंद इन पुराने नोटों को 40 फीसद के हिसाब से बदलता था। यह डीलिंग हैदराबाद के रहने वाले गिरफ्तार हुए एजेंट कुटेश्वर के माध्यम से होती थी। आनंद के इस कारोबार में संतोष यादव व मोहित ढींगरा भी ब्रोकर के रूप में काम करते थे।
फिलहाल शुरूआती जांच में पकड़े गए लोगों ने बताया है कि एनआरआइ कोटे से भी पुरानी करेंसी बदली जा रही थी। पुलिस पकड़े गए लोगों को अब रिमांड पर लेगी और उनके पास मिले मोबाइल नंबरों, बरामद डायरी व कागजातों सहित सभी लिंक्स को खंगाल रही है, जिससे गैंग से जुड़ अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।
साथ ही आयकर विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक अब आनंद खत्री समेत पकड़े गए लोगों के खातों की जानकारी भी कर रही है।