संत रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर पूविवि में गोष्ठी आयोजित
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जौनपुर।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को संत रविदास जयंती
की पूर्व संध्या पर गोष्ठी का आयोजन हुआ जहां वक्ताओं ने संत रविदास को
सामाजिक समरसता का अग्रदूत बताया। इस मौके पर जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डा.
मनोज मिश्र ने कहा कि संत रविदास ज्ञानाश्रयी शाखा के कर्मवादी संत थे।
उन्होंने ‘जाति न पूछो साधु की’ के अवधारणा पर अपने को समर्पित कर दिया।
इसी क्रम में डा. सुनील कुमार ने कहा कि संत रविदास अपनी रचनाओं के माध्यम
से समाज को संदेश देते थे। उनके विचारों से प्रभावित होकर हर वर्ग के लोग
उनके भक्त थे। डा. एसपी तिवारी ने संत रविदास के कई संस्मरणों को सुनाते
हुये कहा कि ऐसे महात्मा के आदर्शों से हमें सीख लेने की जरूरत है।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा
कि काशी में जन्मे संत रविदास के भक्त पूरे देश में फैले हुये हैं। अन्त
में कार्यक्रम के संयोजक डा. दिग्विजय सिंह राठौर प्राध्यापक जनसंचार विभाग
ने समस्त आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा. अवध बिहारी
सिंह, डा. अमरेन्द्र सिंह, शुभांशु यादव, प्रभाकर, आशुतोष सिंह, संजय
श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।