BJP को फूलपुर में कहीं भारी न पड़ जाए बाहरी प्रत्याशी उतारना, जानें, कौन हैं कौशलेंद्र
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इलाहाबाद। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से खाली हुई इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में बीजेपी ने सीएम योगी की पसंद के बाहरी नेता पर दांव लगाया है। 44 साल के कौशलेन्द्र सिंह पटेल यूपी के मिर्जापुर के रहने वाले हैं और इन दिनों बनारस में रहते हैं।
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से एमकॉम की पढ़ाई करने वाले कौशलेन्द्र छात्र जीवन में ही एबीवीपी से जुड़ गए थे। पढ़ाई खत्म करने के बाद वे बीजेपी की मुख्य धारा की राजनीति करने लगे और साल 2006 में बनारस के मेयर बने थे। वे देश में सबसे कम उम्र के मेयर चुने गए थे। कौशलेन्द्र बीजेपी युवा मोर्चा में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे हैं। केशव मौर्य साल 2016 में जब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बने थे, तो उन्होंने कौशलेंद्र को अपनी कार्यकारिणी में जगह देते हुए उन्हें प्रदेश संगठन मंत्री बनाया था। कौशलेंद्र मौजूदा अध्यक्ष महेंद्र पांडेय की टीम में भी मंत्री हैं। पार्टी ने उन्हें सीएम योगी के इस्तीफे से खाली हुई गोरखपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में संगठन का प्रभारी बनाया था।
कौशलेन्द्र सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दोनों के ही करीबियों में गिने जाते हैं। कौशलेन्द्र सिंह पटेल को मैदान में उतारकर बीजेपी तकरीबन दो लाख से ज़्यादा कुर्मी वोटरों को अपने पक्ष में करना चाहती है। सपा ने पहले ही नागेंद्र पटेल को उम्मीदवार बनाकर कुर्मी वोटों में सेंधमारी कर ली थी। बड़ा वोट बैंक बचाने के लिए बीजेपी को भी फूलपुर में कुर्मी दांव खेलना पड़ा है। हालांकि बाहरी होना कौशलेन्द्र के लिए भारी पड़ सकता है।
उनका इलाहाबाद से कभी कोई सीधा नाता नहीं रहा है। पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी हाईकमान के इस फैसले से हैरत में हैं। ख़ास बात यह है कि कौशलेन्द्र ने फूलपुर सीट से टिकट की मांग भी नहीं की थी। टिकट का एलान होने के वक्त भी वे बनारस में ही थे।
फोन पर हुई बातचीत में कौशलेन्द्र ने बताया कि पीएम मोदी के विकास रथ को आगे बढ़ाने का संदेश लेकर वह लोगों से वोट मांगेगे। उनके मुताबिक़ सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नाम का उन्हें फायदा मिलेगा और वे इस चुनाव में जरूर कामयाब होंगे। उनका दावा है कि बाहरी होने के नाते उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि संगठन में बरसों से काम करने की वजह से सभी कार्यकर्ता उन्हें बखूबी जानते हैं। कौशलेंद्र देर शाम इलाहाबाद पहुंचेंगे और कल अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल करेंगे।
कौशलेन्द्र सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दोनों के ही करीबियों में गिने जाते हैं। कौशलेन्द्र सिंह पटेल को मैदान में उतारकर बीजेपी तकरीबन दो लाख से ज़्यादा कुर्मी वोटरों को अपने पक्ष में करना चाहती है। सपा ने पहले ही नागेंद्र पटेल को उम्मीदवार बनाकर कुर्मी वोटों में सेंधमारी कर ली थी। बड़ा वोट बैंक बचाने के लिए बीजेपी को भी फूलपुर में कुर्मी दांव खेलना पड़ा है। हालांकि बाहरी होना कौशलेन्द्र के लिए भारी पड़ सकता है।
उनका इलाहाबाद से कभी कोई सीधा नाता नहीं रहा है। पार्टी के तमाम कार्यकर्ता भी हाईकमान के इस फैसले से हैरत में हैं। ख़ास बात यह है कि कौशलेन्द्र ने फूलपुर सीट से टिकट की मांग भी नहीं की थी। टिकट का एलान होने के वक्त भी वे बनारस में ही थे।
फोन पर हुई बातचीत में कौशलेन्द्र ने बताया कि पीएम मोदी के विकास रथ को आगे बढ़ाने का संदेश लेकर वह लोगों से वोट मांगेगे। उनके मुताबिक़ सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के नाम का उन्हें फायदा मिलेगा और वे इस चुनाव में जरूर कामयाब होंगे। उनका दावा है कि बाहरी होने के नाते उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि संगठन में बरसों से काम करने की वजह से सभी कार्यकर्ता उन्हें बखूबी जानते हैं। कौशलेंद्र देर शाम इलाहाबाद पहुंचेंगे और कल अंतिम दिन अपना पर्चा दाखिल करेंगे।