संस्था को सफल बनाने के लिए भावात्मक निर्णय की जरूरत
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जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के प्लेसमेंट
सेल सभागार में मंगलवार को छह दिवसीय “ट्रेनिंग प्रोग्राम आन एकेडमिक
लीडरशिप” कार्यक्रम के दूसरे दिन के प्रथम सत्र को काशी हिन्दू
विश्वविद्यालय एफएमएस के प्रोफेसर एचपी माथुर एवं अलीगढ़ विश्वविद्यालय के
शिक्षा विभाग के प्रोफेसर साजिद जमाल ने सम्बोधित किया । यह कार्यक्रम
भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पंडित मदनमोहन मालवीय
राष्ट्रीय मिशन शिक्षण और शिक्षक पर आयोजित है। यह कार्यक्रम वीर बहादुर
सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विजनेस मैनेजमेंट विभाग और अलीगढ़
विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हो रहा है।
प्रथम सत्र
को संबोधित करते हुए प्रोफेसर माथुर ने कहा कि आज उच्च शिक्षा को
अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप देने की जरूरत है। इससे हमारे यहां की भी शिक्षा
व्यवस्था में बदलाव आएगा। साथ ही हम अपने संस्थान और यहां के बच्चों और
कर्मचारियों को उस लायक बनाने में मदद कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी
संस्था को सफल बनाने के लिए भावात्मक निर्णय की जरूरत होती है। यह सही
निर्णय लेने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि लीडरशिप के लिए व्यवहार,
मोटिवेशन और अपने सोच को खुला रखना चाहिए। इसे जितना ही खुला रखेंगे उतना
ही संस्थान को फायदा होगा।
दूसरे सत्र में अलीगढ़ विश्वविद्यालय
के शिक्षा विभाग के प्रोफेसर साजिद जमाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए
विद्यार्थियों को सक्रिय करने की जरूरत है। साथ ही कहा कि ग्रीन कैम्पस और
क्लीन कैंपस की भी अवधारणा विश्वविद्यालय में होनी चाहिए। शुद्ध पर्यावरण
का असर कैंपस पर ही नहीं वहां के बच्चों पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा केवल
लेक्चर ही नहीं हो विद्यार्थियों का मनोरंजन करने के लिए आनलाइन क्लास,
प्रोजेक्टर क्लास का सहारा बहुत जरूरी है। कार्यक्रम का संचालन डा. मुराद
अली और धन्यवाद ज्ञापन डा. सुशील कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर डा. नुपुर
तिवारी, डा. एसपी तिवारी, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिह, शैलेश
प्रजापति, डॉ अमित वत्स, डॉ इद्रेश कुमार, डॉ विद्युत मल्ल, डा.विनय
वर्मा, डा. विजय मौर्या सहित प्रतिभागी उपस्थित थे.