परमिशन लेकर किसान इन्हे देखते ही गोली मार सकते है
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जौनपुर। किसानो के फसलों की बरबादी का सबब बन चुके घड़रोज, वनरोज, नील गाय के नामो से जाने पहचाने जाने वाले जानवरो और जंगली सुअर को शुट करने का आदेश शासन द्वारा आ गया है। लेकिन शुट करने से पहले किसानो को जिला प्रशासन से परमिशन लेना जरूरी है। इन जानवरो को मारने का लाईसेंस लेने वालो को पास लाईसेंसी राईफल या 12 बोर की बंदुक होना चाहिए और एलजी गोली का प्रयोग करना आवश्यक है।
इधर कई वर्षो से घड़रोज नामक जानवर और जंगली सुअर किसानों की गाढ़ी मेहनत की कमाई को पलक झपकते नष्ट कर दे रहे है। जिसके कारण किसानों की कमर टूट गयी है। हालत यह हो गया है कि इन जानवरो के डर से काफी किसान खेती करना ही बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश ने सन् 2013 में जारी हुए शासनादेश का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है।
प्रभागीय वनधिकारी एसपी पाठक ने बताया कि समस्त जिलो में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है। इस कमेटी के सचिव प्रभागीय वनाधिकारी होगें तथा जिला कृषि अधिकारी, जिला पशुधन अधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी सदस्य होगे।
यह कमेटी अपने अपने जिले के प्रत्येक ब्लाको में वनरोज और जंगली सुअर से फसलों को होने वाले नुकसान की समीक्षा करेगी। इसी कमेटी द्वारा इन जानवरो को मारने की परमीट दिया जायेगा।
जानवरो को मारने के लिए किसानो को ब्लाक स्तरीय कृषि अधिकारी के यहां आवेदन करना होगा। उसके बाद प्रार्थना पत्र खण्ड विकास अधिकारी या वन क्षेत्राधिकारी के पास भेजा जायेगा। ये दोनो अधिकारी किसानो के फसलो के नष्ट होने का आकलन करने के बाद कमेटी के सामने किसानो का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगें उसके बाद जानवरो को शुट करने का लाईसेंस जारी किया जायेगा। आवेदन करने वालो को पास लाईसंेसी राईफल या बारह बोर की बंदुक होना आवश्यक है साथ में एलजी गोली का प्रयोग किया जायेगा।
इधर कई वर्षो से घड़रोज नामक जानवर और जंगली सुअर किसानों की गाढ़ी मेहनत की कमाई को पलक झपकते नष्ट कर दे रहे है। जिसके कारण किसानों की कमर टूट गयी है। हालत यह हो गया है कि इन जानवरो के डर से काफी किसान खेती करना ही बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश ने सन् 2013 में जारी हुए शासनादेश का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है।
प्रभागीय वनधिकारी एसपी पाठक ने बताया कि समस्त जिलो में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है। इस कमेटी के सचिव प्रभागीय वनाधिकारी होगें तथा जिला कृषि अधिकारी, जिला पशुधन अधिकारी और जिला उद्यान अधिकारी सदस्य होगे।
यह कमेटी अपने अपने जिले के प्रत्येक ब्लाको में वनरोज और जंगली सुअर से फसलों को होने वाले नुकसान की समीक्षा करेगी। इसी कमेटी द्वारा इन जानवरो को मारने की परमीट दिया जायेगा।
जानवरो को मारने के लिए किसानो को ब्लाक स्तरीय कृषि अधिकारी के यहां आवेदन करना होगा। उसके बाद प्रार्थना पत्र खण्ड विकास अधिकारी या वन क्षेत्राधिकारी के पास भेजा जायेगा। ये दोनो अधिकारी किसानो के फसलो के नष्ट होने का आकलन करने के बाद कमेटी के सामने किसानो का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करेगें उसके बाद जानवरो को शुट करने का लाईसेंस जारी किया जायेगा। आवेदन करने वालो को पास लाईसंेसी राईफल या बारह बोर की बंदुक होना आवश्यक है साथ में एलजी गोली का प्रयोग किया जायेगा।