दम तोड़ रहा अन्धता निवारण कार्यक्रम
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जौनपुर। शासन से लाखों रुपये बजट जारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के चलते जिले में अंधता निवारण कार्यक्रम ठप है। कई वर्ष पूर्व इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की आंखों की जांच करा उन्हें चश्मे बांटे गए थे। इसके बाद इसके लिए कोई पहल नहीं की गई। यही कारण है कि जिले के गरीब वृद्ध असहायों को आंखों की रोशनी पाने के लिए हजारों रुपये खर्च कर जिला मुख्यालय पर जाना पड़ता है। शासन का महात्वाकांक्षी अंधता निवारण कार्यक्रम जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते जिले में कई वर्षों से ठप है। जिससे जिले के गरीब जरूरतमंद इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। यही कारण है कि गरीब वृद्धों को अपनी आंखों की रोशनी पाने के लिए मजबूरी में हजारों रुपये खर्च कर चित्रकूट जाना पड़ता है। इतना ही नहीं कार्यक्रम के नाम पर शासन से जारी होने वाले बजट को भी ठिकाने लगा दिया जाता है। शासन ने कई वर्ष पूर्व जिला अस्पताल के पीछे करोड़ों रुपये की लागत से आंखों के आपरेशन के लिए आपरेशन थियेटर भी बनवाया था और आधुनिक तरीके से आपरेशन के लिए उपकरण भी खरीदे गए थे। लेकिन शासन की मंशा अधूरी रह गई। वहीं पूर्व में कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की आंखों का परीक्षण करा उन्हें चश्मे वितरित किए गए थे। उसके बाद से जिले में कार्यक्रम मात्र कागजों में संचालित हो रहा है।