नगर पालिका के टाउन हाल के मैदान पर छः दिवसीय रामचरितमानस शुरू

जौनपुर। जो भान का हनन करके कर्म के प्रति समर्पित होता है, उसी का नाम हनुमान होता है। सारा संसार कर्म के अधीन है। हम ज्यों-ज्यों माया एवं भौतिकता की ओर बढ़ते जाते हैं, त्यों-त्यों हम भगवान से दूर होते जाते हैं। इस संसार मंे सभी को अपने कर्मों का फल भुगतना पड़ता है। उक्त विचार शंकरगढ़ से आये मानस पियूष डा. दिनेश त्रिपाठी ने छः दिवसीय श्रीरामचरितमानस के प्रथम दिन व्यास की गद्दी पर आसीन होकर प्रथम व्यास के रूप में व्यक्त किया। मानस प्रचारिणी सभा जनपद इकाई के बैनर तले नगर पालिका परिषद के टाउन हाल के मैदान पर आयोजित मानस कथा में कानपुर से आये शिवशंकर मिश्र ने कथा तत्व की व्याख्या करते हुये कहा कि कथा वही ग्रहण करने योग्य है जो सकल लोक का हित करने वाली हो। माता पार्वती व भगवान शिव की चर्चा करते हुये श्री मिश्र ने कहा कि हनुमान के भक्त को लोक हित को ध्यान में रखकर अपना कर्म करना चाहिये। जौनपुर के मानस दिनकर दिनेश चन्द्र मिश्र ने पुण्य व पाप कर्म की व्याख्या करते हुये कहा कि पुण्य की जड़ पाताल तक जाती है। हमारे देश में पक्षी जाति का गिद्ध भी अस्तित्व की रक्षा करके महान हो गया जबकि नारी का सम्मान न करने वाला प्रकाण्ड विद्वान रावण पाप कर्म के कारण राक्षस कहा गया। इसके पहले कथा का शुभारम्भ मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के चित्र पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ जिसके बाद उपस्थित लोगों ने कथा वाचकों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मानस मुकुटमणि राजाराम त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर पूर्व चेयरमैन दिनेश टण्डन, महेन्द्र नाथ त्यागी, भाष्करानन्द द्विवेदी, सोमेश्वर केसरवानी, रमेश जायसवाल, विकास मिश्र, ओम प्रकाश गुप्ता पूर्वांचल विश्वविद्यालय, इं. विजय जायसवाल, अनिल जायसवाल सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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