बैंक का मुँह देखा तक नहीं , 15 लाख रुपये का बकायेदार बना दिया
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जौनपुर। शाहगंज सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों की कारगुजारी
सोमवार को सामने आई। बैंक कर्मियों ने बकायेदारों की सूची में न सिर्फ एक
व्यवसायी का नाम शामिल कर दिया, बल्कि उसे 15 लाख रुपये का बकायेदार बना
दिया, उस पर किसी प्रकार की देनदारी थी ही नहीं। इस बात की जानकारी जब उसे
हुई तो उसके होश ही उड़ गए। बैंक में जाकर जमकर हंगामा करने लगा, इसके बाद
की शाखा प्रबंधक ने लिखित जानकारी दिया कि उसके ऊपर कोई बकाया नहीं है।
सूची में नाम गलती बस नाम शामिल हो गया। जिसे अब निकाल दिया गया है।
विशाल साहू ने काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक से व्यवसाय बढ़ाने के लिए पांच लाख रुपये लोन के लिए आवेदन किया था। बैंक ने इस बात की जांच शुरू की थी विशाल ने किसी दूसरे बैंक से पहले से लोन को नहीं ले रखा है। ऑनलाइन जांच के दौरान उसका नाम सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बकायेदारों में शामिल पाया, उसमें विशाल का मोबाइल नंबर भी दर्ज था। इस बात की जानकारी जब विशाल को दी गई तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि उसने न कभी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से कोई लोन लिया था और नहीं उस बैंक में उसका कोई खाता था। 15 लाख रुपये का बकाया देखकर वह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पहुंचा और हंगामा करने लगा। इस बारे में बैंक के प्रबंधक यूबी सिंह की ओर से उसे अवगत कराया गया कि विशाल नाम के ही किसी दूसरे व्यक्ति ने लोन ले रखा है। गलती से मोबाइल नंबर विशाल साहू पक्का पोखरा का रिकॉर्ड में दर्ज है। हंगामे के बाद मैनेजर ने लिखित रूप से यह आश्वस्त किया कि पक्का पोखरा मोहल्ला निवासी विशाल साहू के नाम से कोई बकाया नहीं है। फिलहाल बैंक मैनेजर का तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहा है।
विशाल साहू ने काशी गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक से व्यवसाय बढ़ाने के लिए पांच लाख रुपये लोन के लिए आवेदन किया था। बैंक ने इस बात की जांच शुरू की थी विशाल ने किसी दूसरे बैंक से पहले से लोन को नहीं ले रखा है। ऑनलाइन जांच के दौरान उसका नाम सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बकायेदारों में शामिल पाया, उसमें विशाल का मोबाइल नंबर भी दर्ज था। इस बात की जानकारी जब विशाल को दी गई तो उसके होश उड़ गए, क्योंकि उसने न कभी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से कोई लोन लिया था और नहीं उस बैंक में उसका कोई खाता था। 15 लाख रुपये का बकाया देखकर वह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में पहुंचा और हंगामा करने लगा। इस बारे में बैंक के प्रबंधक यूबी सिंह की ओर से उसे अवगत कराया गया कि विशाल नाम के ही किसी दूसरे व्यक्ति ने लोन ले रखा है। गलती से मोबाइल नंबर विशाल साहू पक्का पोखरा का रिकॉर्ड में दर्ज है। हंगामे के बाद मैनेजर ने लिखित रूप से यह आश्वस्त किया कि पक्का पोखरा मोहल्ला निवासी विशाल साहू के नाम से कोई बकाया नहीं है। फिलहाल बैंक मैनेजर का तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर रहा है।