जानिए विद्यासागर सोनकर का राजनितिक सफर
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जौनपुर। वर्ष 1985 में भाजपा के बूथ अध्यक्ष व 1989 में सभासद का चुनाव
जीतकर राजनीति शुरू करने वाले विद्यासागर सोनकर सांसद बनने तक का सफर
बखूबी तय कर चुके हैं। पार्टी द्वारा विभिन्न पदों का दायित्व सौंपे जाने
पर उन्होंने निष्ठा व लगन से कार्य किया। सम्प्रति पार्टी ने इनाम देते हुए
उन्हें विधान परिषद सदस्य हेतु प्रत्याशी बनाया है। उन्हें एमएलसी का
प्रत्याशी बनाए जाने की खबर से कार्यकर्ताओं व समर्थकों में प्रसन्नता देखी
गई।
वर्ष 1996 में सैदपुर (सु) क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने श्री सोनकर निरंतर पार्टी में सक्रिय रहे। हालांकि 2009 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। श्री सोनकर पार्टी के प्रकोष्ठों में विभिन्न पदों के अलावा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की टीम में प्रदेश महामंत्री बनाए गए श्री सोनकर वर्तमान में भी इस पद पर कायम हैं। पार्टी के विभिन्न पदों पर जनप्रतिनिधि रहते हुए श्री सोनकर आम जनमानस के बीच हमेशा सुलभ रहे। विधान परिषद सदस्य हेतु पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाया जाना उनकी लोकप्रियता व पार्टी के प्रति समर्पण का तकाजा माना जा रहा है।
वर्ष 1996 में सैदपुर (सु) क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने श्री सोनकर निरंतर पार्टी में सक्रिय रहे। हालांकि 2009 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। श्री सोनकर पार्टी के प्रकोष्ठों में विभिन्न पदों के अलावा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की टीम में प्रदेश महामंत्री बनाए गए श्री सोनकर वर्तमान में भी इस पद पर कायम हैं। पार्टी के विभिन्न पदों पर जनप्रतिनिधि रहते हुए श्री सोनकर आम जनमानस के बीच हमेशा सुलभ रहे। विधान परिषद सदस्य हेतु पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाया जाना उनकी लोकप्रियता व पार्टी के प्रति समर्पण का तकाजा माना जा रहा है।