C.M.O दफ्तर में चल रहा है "राम राज में लूट सको तो लूट " का खेल
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जौनपुर। " केंद्र और प्रदेश में राम का राज है लूट सके तो लूट , नहीं तो तब पछतायेगा जब राम की पार्टी हो जाएगी सत्ता से दूर " कुछ ऐसा ही खेल चल रहा है जौनपुर सीएमओ दफ्तर में , इस विभाग में तैनात अधिकारियो द्वारा ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर बाबुओ को अच्छे पटल पर तैनाती में जमकर खेल खेला जा रहा है। हालांकि यह खेल काफी आरसे से चला आ रहा है और जग जाहिर था लेकिन प्रमाण न होने के कारण लोग दबी जुबा ही इस भरष्टाचार के बारे में स्वीकार करते थे लेकिन शनिवार के दिन एक डॉक्टर से रिलीविंग ऑर्डर देने के लिए 25 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडे गए बाबू ने इस भरष्टाचार की पुष्टि कर दिया।
सीएमओ ऑफिस इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विभाग में तैनात अफसरों की जेबे गर्म करके शहर से लेकर जिले के कोने कोने तक सैकड़ो मानव हलाल केन्द्र खुल गए है। पैसे के दम पर खोले गए अवैध नर्सिंग होम , पैथालॉजी सेंटर और झोला छाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खेड़वाड़ कर रहे है। तमाम भगवान रूपी डॉक्टर सैतान बनकर मरीजों और तीमारदारों का खून चूस रहे है। खबर तो यह भी है कि विभाग में उच्च पद पर तैनात एक चिकित्सक रात के अँधेरे में कई प्राइवेट अस्पतालों में जाकर ऑपरेशन कर रहे है। जब साहेब ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे है तो सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने से कौन रोकेगा। अवैध नर्सिंग होमो पैथालॉजी और झोला छाप डॉक्टरो को प्रश्रय देने वाला यह अधिकारी डॉक्टरों की एक मीटिंग में सीना ठोककर कहा था जिले के एक मजबूत भाजपा नेता का मेरे ऊपर हाथ है न मेरा कुछ होगा और जब तक मै इस जनपद हूँ आप लोगो का भी कुछ नहीं होगा।
फ़िलहाल सरकारी डॉक्टर अभय सिंह ने ही विभाग में व्याप्त भरष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद किया तो एक छोटी मछली फंस गयी लेकिन मगरमच्छ अभी भी खुलेआम अपना शिकार कर रहा है। अगर निष्पछ्ता से जाँच करायी जाय तो तमाम उच्चाधिकारी जेल की सलाखों के पीछे होंगे।
सीएमओ ऑफिस इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। शिराज़ ए हिन्द डॉट कॉम को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस विभाग में तैनात अफसरों की जेबे गर्म करके शहर से लेकर जिले के कोने कोने तक सैकड़ो मानव हलाल केन्द्र खुल गए है। पैसे के दम पर खोले गए अवैध नर्सिंग होम , पैथालॉजी सेंटर और झोला छाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खेड़वाड़ कर रहे है। तमाम भगवान रूपी डॉक्टर सैतान बनकर मरीजों और तीमारदारों का खून चूस रहे है। खबर तो यह भी है कि विभाग में उच्च पद पर तैनात एक चिकित्सक रात के अँधेरे में कई प्राइवेट अस्पतालों में जाकर ऑपरेशन कर रहे है। जब साहेब ही प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे है तो सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को प्राइवेट प्रैक्टिस करने से कौन रोकेगा। अवैध नर्सिंग होमो पैथालॉजी और झोला छाप डॉक्टरो को प्रश्रय देने वाला यह अधिकारी डॉक्टरों की एक मीटिंग में सीना ठोककर कहा था जिले के एक मजबूत भाजपा नेता का मेरे ऊपर हाथ है न मेरा कुछ होगा और जब तक मै इस जनपद हूँ आप लोगो का भी कुछ नहीं होगा।
फ़िलहाल सरकारी डॉक्टर अभय सिंह ने ही विभाग में व्याप्त भरष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद किया तो एक छोटी मछली फंस गयी लेकिन मगरमच्छ अभी भी खुलेआम अपना शिकार कर रहा है। अगर निष्पछ्ता से जाँच करायी जाय तो तमाम उच्चाधिकारी जेल की सलाखों के पीछे होंगे।