बच्चों में बाल योग संस्कारशाला अवश्य होनी चाहियेः मजाहिर आलम

जौनपुर। बचपन से ही बच्चों को योग की संस्कारशाला में संस्कारित करके न केवल उनके शारीरिक शक्ति को सुदृढ़ किया जा सकता है, बल्कि उनकी मानसिक क्षमता का निरन्तर विकास करके उनके भीतर सन्निहित विविध प्रकार के कौशलों का सुनियोजित ढंग से विकास किया जा सकता है। उक्त बातें जूनियर हाईस्कूल कबीरूद्दीनपुर के प्रधानाध्यापक मजाहिर आलम ने बुधवार को सुबह बच्चों को योगाभ्यास कराते हुये कही। इस दौरान योग प्रशिक्षक अचल हरीमूर्ति द्वारा विविध प्रकार के आसन, व्यायाम, ध्यान व प्राणायामों का अभ्यास कराया गया जिसमें कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, उद्गीथ प्राणायाम रहे।  साथ ही उन्होंने बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास से सम्बन्धित योगिंग-जागिंग, सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, वृक्षासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, बीरभद्रासन, वज्रासन, मकरासन, मर्कटासनों सहित अग्निसार व नौलिक्रिया का अभ्यास कराया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान संगीता यादव, उषा यादव, पद्माकर राय, मुन्ना लाल यादव, आनन्द सिंह, गोमती, विजय कुमार सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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