विदेश निति के पुरोधा थे अटल बिहारी वाजपेयी जी : सुरेन्द्र सिंह

 जौनपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के निधन से शोक की लहर दौड़ पड़ी है। उनके निधन की खबर मिलते ही भाजपा नेताओ ने पार्टी कार्यालय पर एक शोकसभा करके उन्हे अपनी श्रध्दाजंलि दिया। इस मौके पर  पूर्व जिलाध्यक्ष हरिश्चंद्र सिंह जी ने बताया कि अटल जी का जीवन सादगी भरा रहा | उनका जीवन कार्यकर्ताओ के लिए प्रेणनाश्रोत रहा।  1955 में पहली बार अटल जी लखनऊ से चुनाव लड़ा था और चुनाव में अटल जी घर गए थे किन्तु उस चुनाव के प्रचार प्रसार एवं उनके भाषणों का असर गहरा रहा और पं० दीन दयाल उपाध्याय ने अटल जी की पुनः चुनाव लड़ने का मन बना लिया था 1957 के चुनाव में 3 संसदीय क्षेत्र / लखनऊ , मथुरा , बलरामपुर से चुनाव लड़ा और लखनऊ की सीट से पहली बार संसद चुने गए और उसके बाद उन्हें कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आज हम सभी ने एक पुरोधा को खो दिया है और यह भारत के लिए अपूर्णीय क्षति है |
पूर्व जिलाध्यक्ष ईश्वर देव सिंह ने भारत रत्न थे अटल बिहारी वाजपेयी जी का जाना भाजपा के लिए अपूर्णीय क्षति है और उनके निर्धन पर गहरा शोक व्यप्त करता हूँ |
पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह ने कहा स्व० वाजपेयी जी 1977 में पहली बार विदेश मंत्री बने और उन्होंने अपने मंत्रित्व काल में चाइना के दौर पर गए थे उसी समय चीन ने अपने पड़ोंसी वियतनाम पर आक्रमण कर दिया था | चीन में पहुचने पर उन्होंने विरोध प्रकट करते हुए अपने दौर को रद्दकर पुनः भारत वापस लौट आने और उस विरोध का असर रहा कि चीन ने वियतनाम के साथ हो रहे पुनः को समाप्त कर दिया ऐसी विदेश निति के पुरोधा थे और दुनिया में भारत को सशक्त राष्ट्र के रूप में प्रदर्शित किया |
राज्यमंत्री गिरीश यादव जी ने स्व वाजपेयी जी के राजनीतिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जनता पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष चंद्रशेखर जी ने जनता पार्टी के घटक भारतीय जनसंघ के ऊपर दोहरी सदस्यता का आरोप लगाया था इसपर अटल जी ने विरोध करते हुए कहा था कि संघ में कोई सदस्यता की बात करते है तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ मेरे पालक की तरह है हम जनता पार्टी से अलग हो सकते है लेकिन संघ के विचारो के खिलाफ कोई समझौता नहीं कर सकते है आगे चलकर जनसंघ से अलग होकर 6 अप्रैल 1980 को अटल जी के नेतृत्व में भाजपा की स्थापना हुई जिसके पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व० अटल बिहारी वाजपेयी  जी थे |

डॉ हरेंद्र प्रसाद सिंह व दिनेश चौधरी ने शोकसभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि 1984 के लोकसभा के चुनाव में भाजपा पहली बार चुनाव के मैदान में उतरी। लेकिन चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और पूरे देश से केवल 2 सांसद चुनाव जीते । चुनाव परिणाम के बाद पत्रकारों ने अटल जी से चुनाव परिणामों के बाद प्रश्न पूछा तो अटल जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि हम मौजूद सरकार की नीतियों का अनुसरण करते हुए हम दो हमारे दो का नियम का परिपालन कर रहे हैं लेकिन आज हमारी संख्या 2 की है लेकिन भविष्य में चलकर  प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। 1989 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लंबी छलांग लगाई और लोकसभा के चुनाव परिणामो में 2 सीटों से 86 सीटों का आंकड़ा छू लिया।
1996 के चुनाव में भाजपा ने पहली बार सबसे बड़े दल के रूप में चुनकर आए और तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर श्याम दयाल शर्मा ने भाजपा को सरकार बनाने के लिए अटल जी को आमंत्रित किया भाजपा की सरकार 13 दिन तक चली थी और अटल जी ने संसद में कहा था कि हमारे दल के पास बहुमत नहीं है इसलिए मैं राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र देने जा रहा हूं 1958 में लोकसभा क्या मध्यावधि चुनाव हुआ और भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाने में सफल रही और अचल जी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और 13 मई 1998 को अटल जी ने के नेतृत्व में विश्व की सभी खुफिया एजेंसियों को धता बताते हुए पल मार्ग पोखरण में परमाणु परीक्षण किया और विश्व में भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र का दर्जा दिलाया यह सरकार 13 महीनों तक चली और अविश्वास प्रस्ताव पर एक वोट से सरकार गिर गई और 1999 में लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में जीत कर आए और अपनों के साथ सरकार बनाई और अटल जी को प्रधानमंत्री बनाया उन्होंने इस कार्यकाल में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना तथा गांव गरीब किसान के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित किया।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील कुमार उपाध्याय ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई जी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे वह पिछले महीने उन्हें पुनः एम्स में भर्ती कराया गया था आज सुबह से उनका स्वास्थ्य लगातार गिर रहा था और आज शाम 5:00 बजे उनका निधन हो गया।उनका निधन भारतीय जनता पार्टी और हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए अपूरणीय क्षति है।
उक्त अवसर पर रामहित निषाद,अनिता सिद्धार्थ,रामसिंह मौर्य,संदीप तिवारी,पुष्पराज सिंह,मनोज दुबे,अभय राय, अंकित पांडेय,अतुल पांडेय,सचिन पांडेय,अमित श्रीवास्तव,अनुपमा राय, संगीता अग्रवाल,आशीष गुप्ता,संजय पाठक,नदलाल यादव,राजू दादा,जयशंकर पाल,विकास शर्मा , सुशील मिश्रा, आशीष जायसवाल सहित तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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