बीस वर्षो से एक अदद छतरी के लिए तरस रही है उमानाथ सिंह की प्रतिमा

जौनपुर। उमानाथ सिंह की 24 पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माणाधीन मेडिकल कालेज का नाम उनके नाम करने की घोषणा कर दिया। इससे पूर्व जिला अस्पताल और वीर बहादुर सिंह पूर्वाचंल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग का नाम भी अमर शहीद उमानाथ सिंह के नाम पर है। लेकिन इसमें कोढ़ का खाज साबित हो रहा है जिला अस्पताल में स्थापित की गयी उमानाथ सिंह की प्रतिमा।  यह प्रतिमा पिछले 20 वर्षो एक अदद छतरी के लिए तरस रही है। हैरत की बात है जहां स्वर्गीय उमानाथ की प्रतिमा की उपेक्षा शासन प्रशासन ने किया वही उनके सांसद पुत्र भी इस तरफ से अपना मुंह मोड़े रखा। 
भाजपा के बरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री उमानाथ सिंह का निधन 13 सितम्बर 1993 में सपा के हल्ला बोल आन्दोलन के दरम्यान नगर कोतवाली में दिल का दौरा पड़ने के कारण हो गया था।
भाजपा शासन में जिला अस्पताल का नाम अमर शहीद उमानाथ सिंह कर दिया गया। तत्कालीन स्वस्थ्य मंत्री रमापति शस्त्री ने उमानाथ पांचवीं पुण्यतिथि से एक दिन पूर्व 12 सितम्बर 1998 को अस्पताल परिसर के पार्क में स्थापित उमानाथ सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया था। स्थापना के समय आयोजको ने प्रतिमा पर छतरी नही लगाया जिसके चलते मूर्ति पर धूल धक्कड़ और पक्षियां गंदगी फैलाती रहती है। उनके पुण्यतिथि के मौके पर प्रतिमा की रंगाई पुताई तो हो जाती है लेकिन आज तक शासन प्रशासन ने एक छतरी लगाने की जहमत नही उठायी। हैरत की बात यह है कि हर बरसी पर अपने पिता की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करके उनके नमन करने सांसद के पी सिंह जाते है लेकिन उन्होने भी इस तरफ से मुंह मोड़े रखा। लोग इसकी चर्चा अक्सर  चर्चा करते रहते है ।  


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