परिणाम-आधारित विधियों को दुनिया भर में शिक्षा प्रणालियों में कई स्तरों पर अपनाया गया

 जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय  में  शुक्रवार को  परिणाम आधारित शिक्षा पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआl  कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि  प्रोफेसर विक्रम सिंह ने बताया कि परिणाम-आधारित शिक्षा  एक शैक्षणिक सिद्धांत है जो लक्ष्यों (परिणामों) के आसपास शैक्षणिक प्रणाली के प्रत्येक भाग को आधार बनाता है। ओबीई में शिक्षण या मूल्यांकन की कोई भी निर्दिष्ट शैली नहीं है।  कक्षाएं, अवसर और आकलन सभी छात्रों को निर्दिष्ट परिणामों को प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। परिणाम-आधारित विधियों को दुनिया भर में शिक्षा प्रणालियों में कई स्तरों पर अपनाया गया है। 
उन्होंने कहा कि ओबीई को स्वीकार करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास में, 1989 में वाशिंगटन एकॉर्ड बनाया गया था; यह ओबीई विधियों का उपयोग करके प्राप्त स्नातक इंजीनियरिंग डिग्री स्वीकार करने का एक समझौता है। 2017 तक, पूर्ण हस्ताक्षरकर्ता ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ताइवान, हांगकांग, भारत, आयरलैंड, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, चीन और संयुक्त राज्य हैं । पूर्व में   प्रोफेसर बीबी तिवारी ने  मुख्य अतिथि  प्रोफेसर विक्रम सिंह  का स्वागत पुष्प गुच्छ  भेंट कर किय़ा l कार्यशाला के समन्वयक  सत्यम उपाध्याय ने  बताया कि इस कार्यशाला का  उद्देश्य संस्थान के पाठ्यक्रम में परिणाम आधारित शिक्षा (ओबीई) को सम्मिलित करना है।  
 कार्यशाला टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम-III के माध्यम से करायी गयी ।  संस्थान  के नोडल ऑफिसर  डा० रजनीश भास्कर , डा० प्रवीण सिंह , ज्योती प्रशांत सिंह , सौरभ वी कुमार ,लालबहादुर सहित संकाय के  शिक्षकों ने  बड़े उत्साह के साथ इस कार्यशाला में प्रतिभाग कियाI

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