स्कन्ध माता के पूजन को उमड़ा सैलाब

जौनपुर । शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन रविवार को माता के पांचवे स्वरूप स्कन्ध माता की पूजा आराधना के लिए जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक देवी मन्दिरों तथा पूजा पण्डालों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। मां के जयकारों से पूरा जनपद गुंजायमान हो गया। अवकाश होने के कारण मां शीतला धाम चैकिया और मां शारदा मन्दिर परमानतपुर में श्रद्धालुओं का भारी जमघट रहा। दोनों धाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा था, व्यवस्था के लिए पुलिस लगायी गयी थी। सवेरे से ही देवी मन्दिरों में मां का जयकारा लगने लगा था। ज्ञात हो कि मां का पांचवा स्वरूप है स्कंदमाता। नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना की जाती है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। स्कंदमाता शेर पर सवार रहती हैं। उनकी चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। उनका मंत्र है या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू।मां को केले का भोग अति प्रिय है। इन्हें केसर डालकर खीर का प्रसाद भी चढ़ाना चाहिए। मां के श्रृंगार के लिए खूबसूरत रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। स्कंदमाता और भगवान कार्तिकेय की पूजा विनम्रता के साथ करनी चाहिए। पूजा में कुमकुम, अक्षत से पूजा किया जाता है। चंदन लगाएया जाता है। तुलसी माता के सामने दीपक जलाएया जाता है। पीले रंग के कपड़े पहनें जाते हैं। मां स्कंदमाता की पूजा  पवित्र और एकाग्र मन से करनी चाहिए। स्कंदमाता की उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इसके अलावा जिनके संतान नहीं हैं उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।

Related

news 608438967569051008

एक टिप्पणी भेजें

emo-but-icon

AD

जौनपुर का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

आज की खबरे

साप्ताहिक

सुझाव

संचालक,राजेश श्रीवास्तव ,रिपोर्टर एनडी टीवी जौनपुर,9415255371

जौनपुर के ऐतिहासिक स्थल

item