नये साल में स्ववित्तपोषित शिक्षकों के दिन बहुरेंगे : डॉ विजय तिवारी
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जौनपुर। अनुदानित
महाविद्यालय विश्वविद्यालय अनुमोदित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विजय
प्रताप तिवारी का दावा है कि अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों में कार्यरत
स्ववित्तपोषित शिक्षकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम वेतनमान
संबंधी शासनादेश 2 जनवरी के पहले जारी कर दिया जाएगा। उक्त बातें शिक्षक
संघ की आहूत बैठक में कही। इस अवसर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय के
स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ अनुराग मिश्र ने कहा कि स्व वित्त
पोषित शिक्षकों को न्यूनतम वेतनमान 2013 में ही मिल जाना चाहिए था किंतु
उत्तर प्रदेश सरकार की हठधर्मिता के चलते उच्च न्यायालय लखनऊ
खंडपीठ के 2013 के आदेश के बावजूद आज भी स्ववित्तपोषित शिक्षक यूजीसी का
निर्धारित न्यूनतम वेतन नहीं प्राप्त कर सके। अशासकीय सहायता प्राप्त
महाविद्यालयों में संचालित स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत्
शिक्षकों को उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ ने 1 मार्च 2013 के आदेश के
द्वारा सरकार को न्यूनतम वेतनमान दिए जाने का आदेश दिया था किंतु उत्तर
प्रदेश सरकार उक्त आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में जाकर एसएलपी दायर कर
दी थी, सर्वोच्च न्यायालय ने लखनऊ खंडपीठ के आदेश को सही मानते हुए
सरकार की दलील को खारिज कर दिया था बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सरकार इन
शिक्षकों को न्यूनतम वेतनमान के आदेश को पूरा नहीं किया था जिसके विरुद्ध उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में डॉ.सुरेश कुमार पाण्डेय द्वारा
अवमाननावाद 405/ 2014 और माननीय उच्चन्यायालय इलाहाबाद में अवमाननावाद 26
04/ 2018 डॉ.नीरज श्रीवास्तव द्वारा दायर किया गया।
न्यायालय
ने उच्चशिक्षा सचिव व उच्च शिक्षा निदेशक से पूछा है कि अभी तक 1मार्च
2013 के आदेश का अनुपालन न करने पर आपके विरुद्ध क्यों न अवमाननावाद की
कार्यवाही शुरू की जाय। इस प्रकरण में सरकार को 2 जनवरी2019 को जबाब लगाना
है। महामंत्री अभय मालवीय जी ने शिक्षकों को बधाई देते हुये कहा कि सरकार
के पास अब कोई विकल्प नहीं है ,लिहाजा नये वर्ष में सभी शिक्षकों को
कोषागार से न्यूनतम वेतनमान मिलना तय है।