डायरेक्टर समेत पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का केश दर्ज करने का आरोप
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जौनपुर। नौकरी के नाम पर 26 लाख रुपये की ठगी करने वाली जेएमवी टूर एंड
ट्रवेल कंपनी के डायरेक्टर समेत पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी
की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने थानाध्यक्ष सरायख्वाजा को दिया।
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के खलीलपुर निवासी जयप्रकाश सिंह ने कोर्ट में धारा 156(3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दरखास्त दिया कि अशोक कुमार भारद्वाज, अनिल कुमार, कृष्ण कुमार, बृज बिहारी, गुलाब चंद खुद को जेएमवी टूर एंड ट्रवेल लिमिटेड के मालिक व डायरेक्टर्स बताते हुए जेएमवी लिमिटेड. कॉम के नाम से फाइनेंस कंपनी चलाते रहे। कहे कि 6 हजार रुपये में कंपनी ज्वाइन की जा सकती है। प्रत्येक माह तीन हजार रुपये कंपनी की तरफ से पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरों को ज्वाइन कराने वालों को कमीशन अलग से दिया जाएगा। ज्वाइनिग के समय आधार कार्ड, पासबुक व अन्य कागजात सत्यापन होने के बाद कंपनी में ज्वाइनिग होती है। आरोपियों की बात पर विश्वास कर वादी ने 6 हजार रुपये देकर कंपनी ज्वाइन किया। मोबाइल पर मैसेज भी आया। आरोपी कंपनी को मिनिस्ट्री आफ कॉरपोरेट अफेयर्स से पंजीकृत बताए। आरोपियों के बहकावे में वादी ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों समेत करीब 436 लोगों का कुल 6000 के हिसाब से 26.16 लाख रुपये कंपनी में लगवाया। कंपनी द्वारा प्रमोशनल इवेंट्स एवं सेमिनार आयोजित होते रहते थे लेकिन धीरे-धीरे सब बंद होता चला गया। बाद में आरोपी संपर्क करना बंद कर दिए। वादी को पैसा मिलना भी बंद हो गया। आरोपियों ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पास काफी जमीन वादी व अन्य लोगों के रुपयों से खरीदी। आरोपितों ने धोखाधड़ी करके सारे रुपये हड़प लिए। 4 नवंबर 2018 को 5:00 बजे शाम रुपये मांगने पर वादी से मारपीट गाली-गलौज किए तथा हत्या करने की धमकी दिए। थाना व पुलिस अधीक्षक को दरखास्त के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया गंभीर मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के खलीलपुर निवासी जयप्रकाश सिंह ने कोर्ट में धारा 156(3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दरखास्त दिया कि अशोक कुमार भारद्वाज, अनिल कुमार, कृष्ण कुमार, बृज बिहारी, गुलाब चंद खुद को जेएमवी टूर एंड ट्रवेल लिमिटेड के मालिक व डायरेक्टर्स बताते हुए जेएमवी लिमिटेड. कॉम के नाम से फाइनेंस कंपनी चलाते रहे। कहे कि 6 हजार रुपये में कंपनी ज्वाइन की जा सकती है। प्रत्येक माह तीन हजार रुपये कंपनी की तरफ से पुरस्कार दिया जाएगा। दूसरों को ज्वाइन कराने वालों को कमीशन अलग से दिया जाएगा। ज्वाइनिग के समय आधार कार्ड, पासबुक व अन्य कागजात सत्यापन होने के बाद कंपनी में ज्वाइनिग होती है। आरोपियों की बात पर विश्वास कर वादी ने 6 हजार रुपये देकर कंपनी ज्वाइन किया। मोबाइल पर मैसेज भी आया। आरोपी कंपनी को मिनिस्ट्री आफ कॉरपोरेट अफेयर्स से पंजीकृत बताए। आरोपियों के बहकावे में वादी ने अपने परिचितों और रिश्तेदारों समेत करीब 436 लोगों का कुल 6000 के हिसाब से 26.16 लाख रुपये कंपनी में लगवाया। कंपनी द्वारा प्रमोशनल इवेंट्स एवं सेमिनार आयोजित होते रहते थे लेकिन धीरे-धीरे सब बंद होता चला गया। बाद में आरोपी संपर्क करना बंद कर दिए। वादी को पैसा मिलना भी बंद हो गया। आरोपियों ने पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पास काफी जमीन वादी व अन्य लोगों के रुपयों से खरीदी। आरोपितों ने धोखाधड़ी करके सारे रुपये हड़प लिए। 4 नवंबर 2018 को 5:00 बजे शाम रुपये मांगने पर वादी से मारपीट गाली-गलौज किए तथा हत्या करने की धमकी दिए। थाना व पुलिस अधीक्षक को दरखास्त के बावजूद सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने प्रथम ²ष्टया गंभीर मामला पाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।