धड़ल्ले से बेंची जा रही है प्रतिबंधित थाई,मांगुर मछलियां
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जौनपुर। शासन और प्रशासन के लाख निर्देश के बाद भी जनपद में सस्ती होने के कारण अपनी बाजार बना चुकी "थाई, मांगुर" मछली विक्रय धड़ल्ले से जारी है। शहर से लगायत ग्रामीण क्षेत्रो के चट्टी चौराहों पर इस मछली का क्रय. विक्रय करते हुए,आसानी से देखा जा सकता है। बता दें कि निदेशक मत्स्य उ प्र लखनऊ ने दिनाक 22 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण,दिल्ली के आदेश का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों, जिला मत्स्य अधिकारियों को इस आशय का पत्र प्रेषित किया था कि "थाई मांगुर" मछली से घातक बीमारियों के साथ ही साथ प्रकृति पर बुरा असर पड़ रहा है। इस कारण से इस मछली के पालन, क्रय और विक्रय पर पूर्ण रूप से प्रतिवंध लगते हुए, कड़ाई से इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें। इसके बावजूद भी जनपद में मच्छरहट्टा से लेकर गौराबादशाहपुर, शाहगंज इत्यादि बाजारों में इस मछली को क्रय विक्रय करते हुए, आसानी से देखा जा सकता है। बिक्रय करने वालों के बातों को माने तो इस क्रय विक्रय में जिला मत्स्य अधिकारी और मत्स्य निरीक्षक संग मछुआरे भी संलिप्त हैं, क्योकि सभी को अपना अपना लाभ दिख रहा है।चुकी यह मछली सस्ती होने के कारण मछली खरीदारों की पहली पसंद बन चुकी है। यदि समय रहते इस पर कड़ाई से प्रतिबंध नही लगा तो यह जनपद के हजारों परिवारों को घातक बीमारियों के मुंह मे धकेल देगी साथ ही प्रकृति के साथ भी गहरा घाव होगा जिसका जिम्मेदार जिला प्रशासन एवं जिला मत्स्य विभाग होगा।