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फाइल फोटो |
जौनपुर। जाम भी जिले की पहचान बन गई है। आज तो हद ही हो गया है। जौनपुर-रायबरेली मार्ग 15 किमी तक जाम से जकड़ उठा है। इस जाम में फंसने वालों के पसीनें छूट जा रहे हैं। बाइक सवार तो किसी तरह निकल जा रहे हैं, लेकिन बड़े वाहन रेंग रहे हैं। इस जाम में एबुंलेंस और स्कूली वाहन भी फंसे हैं। पुलिस का कहीं अता-पता नहीं है। हालांकि चुनाव ड्यूटी में आ-जा रहे सीआरपीएफ के जवान जाम को हटाने में कई जगह देखे गए। जाम की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। चुनाव बाद अचानक छोड़े गए वाहनों के कारण हाइवे पर जाम लग गया है। स्कूल से छूटे बच्चे बसों में फंसे हुए हैं। लोग सड़कों के किनारे खड़े होकर बाइक से गुजरने वाले वाहन चालकों से लिफ्ट मांग रहे हैं। गांव के माध्यम से गाड़ियों को लेकर लोग आ जा रहे हैं। धूप के साथ-साथ जाम भी बढ़ता जा रहा है। आड़े-तिरझे वाहनों के निकालने के प्रयास के कारण यह समस्या और बढ़ गई है। जफराबाद-लखनऊ रेल प्रखंड स्थित नईगंज रेलवे क्रासिंग पर लगने वाला जाम नासूर बन गया है। इस रेलवे क्रासिंग की पूर्वांचल में अलग पहचान हो गई है, क्योंकि दिन भर में यह क्रासिंग 80 बार बंद होता है। निर्माणाधीन ओवर ब्रिज और हाइवे के चलते रायबरेली, इलाहाबाद, मीरजापुर, गोरखपुर, आजमगढ़ और वाराणसी को जाने वाले वाहन इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते प्रत्येक दिन जाम लग रहा है। इससे लोग कराह उठते हैं। मजबूरी में प्राइवेट वाहन गांवों की सड़कों से होते हुए गंतव्य की ओर रवाना होते हैं, जबकि परिवहन निगम की बसों में सफर करने वाले यात्री कराह उठते हैं। पुलिस की उदासीनता के चलते चालक अपनी ट्रक को पकड़ी चैराहे से लेकर नईगंज रेलवे क्रासिंग के मध्य सड़क पर ही खड़ी कर दे रहे हैं। इससे जाम की समस्या और बढ़ गई है। ट्रकों के खड़े होने के चलते कुछ ढाबे भी खुल गए हैं। रही सही कसर नईगंज क्रासिंग के पास सड़क निर्माण में लगे कार्यदायी संस्था के कुछ ट्रक सड़क पर ही खड़े कर पूरा कर दे रहे हैं।