लाखो रूपये गबन करने का आरोपी बाबू निलंबित, जाँच शुरू
https://www.shirazehind.com/2019/05/blog-post_908.html
जौनपुर। उपसंभागीय परिवहन कार्यालय में टैक्स का 13.76 रुपये हेराफेरी
की गई है। मामला संज्ञान में आने के बाद आरोपित बाबू को निलंबित कर दिया
गया है। विभाग द्वारा धनराशि का मिलान किया जा रहा है। घोटाले की रकम अभी
और बढ़ सकती है। कार्रवाई से कार्यालय के कर्मचारियों में खलबली मची है।
एआरटीओ कार्यालय में लाखों के गबन का मामला सामने आया है। विभाग में टैक्स का पटल क्लर्क मधुकर देखते हैं। उन्होंने कई माह से वाहनों की वसूली गई टैक्स की धनराशि विभाग के खाते में कम जमा कर रहे थे। शक होने पर विभाग द्वारा जांच कराई गई तो लाखों रुपये की कमी मिली। चर्चा है कि 25 लाख रुपये से अधिक की धनराशि का घोटाला किया गया है।
राजस्व में घोटाला करने वाले आरोपी बाबू को विभाग द्वारा सात मई को निलंबित कर दिया गया। शुक्रवार को आरटीओ जांच करने के लिए कार्यालय पहुंचे तो खलबली मच गई। उन्होंने करीब पांच घंटे तक वसूले गए टैक्स, चालान व अन्य अभिलेखों का निरीक्षण किया और एआरटीओ को धनराशि का मिलान करने के लिए आदेशित किया।
एआरटीओ उदयवीर सिंह ने बताया कि बैंक से मिलान पर फौरी तौर पर 13.76 लाख रुपये की हेराफेरी प्रकाश में आई है। बाबू को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आया। कार्यालय के अभिलेखों व चालान से मिलान कर जांच की जा रही है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही घपले का सही पता लग पाएगा।
एआरटीओ कार्यालय में लाखों के गबन का मामला सामने आया है। विभाग में टैक्स का पटल क्लर्क मधुकर देखते हैं। उन्होंने कई माह से वाहनों की वसूली गई टैक्स की धनराशि विभाग के खाते में कम जमा कर रहे थे। शक होने पर विभाग द्वारा जांच कराई गई तो लाखों रुपये की कमी मिली। चर्चा है कि 25 लाख रुपये से अधिक की धनराशि का घोटाला किया गया है।
राजस्व में घोटाला करने वाले आरोपी बाबू को विभाग द्वारा सात मई को निलंबित कर दिया गया। शुक्रवार को आरटीओ जांच करने के लिए कार्यालय पहुंचे तो खलबली मच गई। उन्होंने करीब पांच घंटे तक वसूले गए टैक्स, चालान व अन्य अभिलेखों का निरीक्षण किया और एआरटीओ को धनराशि का मिलान करने के लिए आदेशित किया।
एआरटीओ उदयवीर सिंह ने बताया कि बैंक से मिलान पर फौरी तौर पर 13.76 लाख रुपये की हेराफेरी प्रकाश में आई है। बाबू को बुलाया गया था लेकिन वह नहीं आया। कार्यालय के अभिलेखों व चालान से मिलान कर जांच की जा रही है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही घपले का सही पता लग पाएगा।