डीएम पर हुआ अवमानना का मुकदमा,तब हुआ स्थगन आदेश का पालन
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"तत्कालीन केराकत कोतवाल व चौकी इंचार्ज को दंडित करने का भी दायर है मुकदमा"
जौनपुर। केराकत थाना क्षेत्र के चकतरी गांव में विवादित जमीन के स्थगन आदेश
के बावजूद विपक्षियों द्वारा कूड़ा करकट डालने,मिट्टी पाटने व नाली का पाइप
तोड़ने के मामले में जब हाईकोर्ट में जिलाधिकारी व अन्य प्रशासनिक व पुलिस
अधिकारियों के खिलाफ कंटेंप्ट आफ कोर्ट का मुकदमा दायर किया गया तब टूटा
पाइप तो जोड़ दिया गया लेकिन कूड़ा करकट डालकर अवरुद्ध किया गया रास्ता साफ नहीं किया गया ।मामले में स्थगन आदेश में
शिकायत के बावजूद कार्यवाही न करने वाले तत्कालीन कोतवाल सुनील दत्त एवं
चौकी इंचार्ज अरुण मिश्र के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया गया है। जिसमें उनके
खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की मांग की गई है। मुकदमा सिविल जज (जूनियर
डिविजन) शाहगंज की कोर्ट में विचाराधीन है।
जीत नारायण शुक्ला ने मुकदमा दायर किया है कि जीत नारायण बनाम
गांव सभा के मुकदमे में 10 अप्रैल 2007 को कोर्ट ने स्थगन आदेश पारित किया
कि विपक्षी गण आराजी में कोई खनन खोदन न करें,न कोई रास्ता बनाएं न मिट्टी
पाटें तथा वादी के खेती करने में कोई अवरोध उत्पन्न न करें।विपक्षी जयदेव व
अजय आदि ने 29 मार्च 2019 को मना करने के बावजूद घर का मलबा व कचरा कूड़ा
रख दिए तथा मिट्टी पाट दिए।30 मई 2019 को स्थगन शुदा जमीन से गुजरने वाली
सिंचाई की नाली का पाइप तोड़ दिए जिसकी सूचना वादी द्वारा जिलाधिकारी और
पुलिस अधीक्षक को भी दी गई।स्थगन आदेश की भी कापी उन्हें दी गई लेकिन
जानबूझकर स्थगन आदेश का पालन नहीं किया गया।वादी हाईकोर्ट गया। जिलाधिकारी
अरविंद मल्लप्पा बंगारी व अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ
अवमानना का मुकदमा दायर किया कि कोर्ट के स्थगन आदेश का पुलिस और
प्रशासनिक अधिकारी अनुपालन नहीं करा रहे हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट
में दरखास्त दी गई जिस पर वादी का टूटा हुआ पाइप जोड़ा गया व जमीन पर
किया गया अन्य अवरोध नहीं हटाया गया।
वादी ने बताया कि सिर्फ तोड़ी गई पाइप को सही कराया गया, जमीन पर कूड़ा - करकट, मिट्टी की पटान
ज्यों की त्यों है, एवं विपक्षियों द्वारा खेत की जुताई बुवाई को जबरन रोका
गया है। जिससे न्यायालय के आदेश की सतत अवमानना प्रवर्तित है। जिसकी
कार्रवाई जीतनारायन शुक्ल द्वारा माननीय उच्च न्यायालय तथा दीवानी
न्यायालय में जारी है।