टिकट वापसी में यात्रियों के धन का बन्दरबांट कर रहे रेलकर्मी
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जौनपुर। अगर किसी कारण ट्रेनों का निरस्तीकरण किया गया या मार्ग बदलकर
चलाया जाना सुनिश्चित हो जाय तो मान लिया जाय कि जिन स्टेशनों पर टेªनों का
ठहराव होता है, उनके खासकर यूटीस व पीआरएफ कर्मचारियों की मनमानी तुरंत
शुरू हो जाती है। उनकी यही सोच रहती है कि यात्रियों के रिफण्ड के पैसों को
शत-प्रतिशत लौटाया न जाय। इस कारण विभिन्न प्रकार के खेल को खेलना शुरू कर
दिया जाता है। रिफण्ड के पैसों की निर्धारित समय की सही जानकारी न देकर
कर्मचारी रेलवे टिकटों की सूरत में यात्रियों की जेबों पर खुले तौर पर
डांका डालने से बाज नहीं आते। सम्बन्धित अधिकारियों से ऐसे कर्मचारियों की
शिकायत भी यात्रियों द्वारा किया जाता है लेकिन समय गुजरने के बाद
यात्रियों के हाथों कुछ नहीं लगता। बानगी के तौर पर देखा जाय तो बीते
मंगलवार को वाराणसी रेलवे स्टेशन से चलने वाली मरूधर और महामना एक्सप्रेस
टेªनों के संचालन का मार्ग शिवपुर रेलवे स्टेशन की अपलाइन में इंजन बेपटरी
होने से परिवर्तित हो गया था। जौनपुर सिटी रेलवे स्टेशन पर ठहरने वाली
दोनों टेªनों के यात्रियों से सभी प्लेटफार्म खचाखच भरे थे। ट्रेनों के
स्टेशन पर पहुंचने का निर्धारित समय गुजरने के बाद जब यात्रियों ने जानकारी
चाही तो स्टेशन मास्टर को जीआरपी एवं आरपीएफ के रहने के बाद यात्रियों का
सामना करने के लिये जनपदीय पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। पुलिस के पहुंचने पर
हालत शान्त हुआ लेकिन रेलवे विभाग है कि ट्रेनों के आने के समय से घण्टे
भर अधिक गुजरने के बाद भी यह फैसला नहीं लिया जा सका। घण्टों बाद स्टेशन
मास्टर द्वारा दोनों टेªनों को मार्ग बदलकर प्रतापगढ़ के रास्ते गंतव्य
भेजने का एनाउण्स किया जाने लगा। साथ ही आरक्षित व अनारक्षित टिकटों के
बगैर किसी कटौती के रिफण्ड हेतु यात्रियों को एनाउण्स किये जाने लगा। इसको
लेकर लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त हो गया। फिर भी महिलाएं व
छोटे बच्चों सहित भारी-भरकम सामानों को उठाये यात्री प्लेटफार्म नम्बर एक
पर स्थित टिकट काउण्टरों पर पहुंचकर सैकड़ों की संख्या में लाइन लगाकर टिकट
खिड़की पर जल्दी पहुंचने की लालसा में लग गये। इस दौरान स्टेशन पर पीआरएस के
एक काउण्टर से रिफण्ड का कार्य किया जाने लगा जिसके चलते सारे यात्रियों
को रिफण्ड नहीं मिल सका, क्योंकि बाबू कुछ समय तक काउण्टर पर बैठना तक
गंवारा नहीं समझा और कुछ देर बाद खिड़की बन्द करके चलाया गया। उक्त मौके पर
निराश मिले दानिश, यासमीन, फात्मा, राज बहादुर ने बताया कि रिफण्ड करने
वाले बाबू चले गये जबकि कम्प्यूटर में 48 घण्टों तक रिफण्ड का समय फीडिंग
कर दिया गया। हालांकि इस मौके पर कहा गया कि बुधवार को आकर रिफण्ड ले लेना
लेकिन बुधवार को पहुंचने पर पीआरएस पर बैठे बाबू ने कहा कि जो रिफण्ड होना
था, वह कल ही हो चुका है। अब होने का समय नहीं है। वहीं पहुंचे स्टेशन
मास्टर प्रमोद कुमार ने कहा कि इसी तरफ के चार टिकट और भी हैं। सम्बन्धित
अधिकारी से सम्पर्क किया जा रहा है। बात हो जाने पर मैनुअल तौर पर सबका
रिफण्ड कर दिया जायेगा। इस बाबत पहुंचे पत्र-प्रतिनिधि ने सीएमआई ज्योति
श्रीवास्तव से वार्ता किया जिस पर उन्होंने बताया कि यूटीएस से रिफण्ड होता
है लेकिन बाद में वह भी सभी की तरह टाल-मटोल करने लगे। इसको लेकर सीनियर
डीसीएम लखनऊ से मोबाइल पर वार्ता की गयी तो उन्होंने अपने मोबाइल नम्बर पर
मैसेज मंगवाया लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई जानकारी नहीं मिली जिससे
पीड़ित और परेशान हैं।