फर्जी शिक्षक बर्खास्त,पत्नी का रोका गया वेतन
https://www.shirazehind.com/2019/12/blog-post_722.html
जौनपुर। फर्जी मार्कशीट लगाकर शिक्षक बने एक युवक को आज बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है तथा संदेह के अधार पर उसकी पत्नी का वेतन रोक दिया है। यह शिक्षक सुजनागंज ब्लाक के काफरपुर में तैनात था जबकि उसकी पत्नी इसी ब्लाक के भाउपुर में तैनात है। मार्च 2010 से अब तक के वेतन के रूप में लिए गए 52 लाख रुपये की वसूली के लिए बीएसए ने मुकदमा दर्ज कराते हुए रिकवरी के लिए आदेश जारी कर दिया है।
जिले के सुजानगंज थाना क्षेत्र के भाऊपुर निवासी सुनील कुमार यादव पुत्र कामता प्रसाद यादव ने वर्ष 2008 में विशिष्ट बीटीसी (विशेष चयन) के तहत वर्ष 2007 में बीए और वर्ष 2008 में बीएड करने का का फर्जी अंकपत्र लगा कर आजमगढ़ जनपद के अहरौला ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय खालिसपुर में सहायक अध्यापक के रूप में नौकरी प्राप्त कर ली थी। बाद में 24 अक्टूबर 2016 को अर्न्तजनपदीय स्थानांतरण कराते हुए जौनपुर के सुइथाकला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय जुनेदपुर में तैनाती प्राप्त कर ली। यहां से म्युचुवल ट्रांसफर कराते हुए अपने पैतिृक ब्लाक सुजानगंज के कपूरपुर प्राथमिक विद्यालय में आ गया। जालसाजी के खेल में काफी हुनरमंद इस शिक्षक के खिलाफ मछलीशहर कोतवाली क्षेत्र के कान्धापुर निवासी उमाशंकर गुप्त ने मुख्यमंत्री के शिकायती पोर्टल आईजीआरएस व बीएसए डा. राजेन्द्र सिंह से की। जिसकी गोपनीय जांच बीएसए ने चित्रकूट के जगतगुरू रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय से कराई। वहां के उप कुल सचिव परीक्षा नियंत्रक ने रिपोर्ट प्रस्तुत किया कि
सुनील कुमार यादव पुत्र कामता प्रसाद यादव निवासी ग्राम भाऊपुर थाना सुजानगंज ने वर्ष 2007 में न तो हमारे यहां से बीए (स्नात्तक) और न ही वर्ष 2008 में बीएड किया है। रिपोर्ट आते ही बीएसए डा. राजेन्द्र सिंह ने उक्त शिक्षक को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इस संबंध में बीएसए डा. सिंह ने बताया कि जौनपुर में नौकरी के दौरान 22 लाख और आजमगढ़ में तैनाती के समय 30 लाख रुपये लिए गए वेतन की रिकवरी के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एंव लेखाधिकारी नन्दराम कुरील को निर्देशित कर दिया गया है।