दलित मजदूर की एफआईआर नहीं करा सके एसपी
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जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के इजरी गांव निवासी एक दलित मजदूर न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। थानाध्यक्ष का रूतबा है कि पुलिस अधीक्षक और क्षेत्रीय विधायक के निर्देशों की भी अवहेलना कर दबंगों के पक्षधर बने हुए है। प्रकरण जलालपुर थाना क्षेत्र के इजरी गांव निवासी वृद्ध मजदूर हरिश्चंद्र का है। हरिश्चंद्र ने आरोप लगाते हुए बताया कि बीते 23 दिसम्बर को सुबह तबियत खराब होने की वजह से मै घर पर था और कड़ाके की ठंड भी पड़ रही थी तभी दो लोग गांव से आये और कहने लगे कि चलो खेत में काम करना है। मैंने तबियत खराब होने की बात कहकर काम करने से इंकार कर दिया जिससे नाराज होकर उन लोगों ने मुझे लाठी-डंडों से मारा-पीटा मुझे हाथ, गर्दन, पीठ, सहित कई अन्य जगह गंभीर चोटे आई है। पिटाई के बाद दबंगों की शिकायत को लेकर जलालपुर थाने पर गया तो पुलिस ने मुझे डांट कर भगा दिया। फिर पुलिस अधीक्षक के पास यह शिकायत लेकर गया, वहां से मुझे मुकदमा दर्ज कर दबंगों के विरुद्ध कारवाई करने का आश्वासन देकर थाने पर भेजा दिया गया , थाने पर आये तो मेरा मुकदमा दर्ज नहीं हुआ पुलिस मामले में सुलह समझौता करने का दबाव बनाने लगी। हारकर न्याय पाने की उम्मीद में क्षेत्रीय विधायक डॉक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह के पास गया और रो- रो कर पूरा दुःखड़ा सुनाया। एक दलित मजदूर के साथ हो रहे अत्याचार को सुनकर विधायक का तेवर गर्म हो गया उन्होंने तत्काल पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए एसओ जलालपुर को एफआईआर दर्ज करने का लिखित निर्देश दिया। पीड़ित को भरोसा हो गया कि अब न्याय मिल जाएगा परंतु उसे फिर पुलिस ने थाने से डांट कर भगा दिया। पीड़ित मजदूर ने बताया कि मेरे पास दवा लेने के लिए भी पैसा नहीं है किसी तरह सरकारी अस्पताल जलालपुर से अपना इलाज करा रहा हूं। पुलिस की कार्यशैली और पीडितों के साथ खराब ब्यवहार की क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।