तालीम व तहजीब की नगरी जौनपुर के सम्मान में एक और ताज जुड़ा
https://www.shirazehind.com/2020/01/blog-post_49.html
जौनपुर। तालीम व तहजीब की नगरी जौनपुर के सम्मान में एक और ताज जुड़ गया। डोभी ब्लाक के हरिहरपुर निवासी डा.इंदीवर पांडेय को उत्तर प्रदेश हिदी संस्थान द्वारा सोमवार को साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा गया। वे वरिष्ठ साहित्यकार स्व.स्वामीनाथ के पुत्र है। उनको यह सम्मान मिलने से परिवारजनों व क्षेत्रवासियों में खुशी की लहर है।
उत्तर प्रदेश हिदी संस्थान ने बीते सोमवार को 13 भाषाओं के 137 विद्वानों को सम्मानित किया। लखनऊ स्थित हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने डा.इंदीवर को दो लाख रुपये का ड्राफ्ट, ताम्रपत्र एवं गंगा की प्रतिमा देकर पुरस्कृत किया। उन्होंने'दैनिक जागरण'प्रतिनिधि से बातचीत में बताया कि नागरिक संशोधन कानून किसी के नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए लाया गया है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान तीनों इस्लामिक स्टेट है। इन देशों में हिदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई जो अल्पसंख्यक है वह व्यापक पैमाने पर हिसा, जबरन धर्मांतरण और अन्याय के शिकार हो रहे हैं। इन्हें ही भारत में नागरिकता देने के लिए कानून लाया गया है। इस कानून को लेकर किसी को भी भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। इसी प्रकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) भी नया नहीं है। प्रत्येक दस वर्षो में जनगणना का प्रावधान है ताकि इसके आंकड़े के आधार पर विकास की योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सके। ये वरिष्ठ साहित्यकार स्व.स्वामीनाथ पांडेय के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वर्तमान में श्री पांडेय वाराणसी के पांडेयपुर में रहते हैं एवं काशी के वरिष्ठ नवगीतकार प्रसिद्ध समीक्षक है। इनकी अब तक डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें विभिन्न संस्थाओं से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार भी मिल चुका है।
उत्तर प्रदेश हिदी संस्थान ने बीते सोमवार को 13 भाषाओं के 137 विद्वानों को सम्मानित किया। लखनऊ स्थित हिन्दी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने डा.इंदीवर को दो लाख रुपये का ड्राफ्ट, ताम्रपत्र एवं गंगा की प्रतिमा देकर पुरस्कृत किया। उन्होंने'दैनिक जागरण'प्रतिनिधि से बातचीत में बताया कि नागरिक संशोधन कानून किसी के नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए लाया गया है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान, पाकिस्तान तीनों इस्लामिक स्टेट है। इन देशों में हिदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई जो अल्पसंख्यक है वह व्यापक पैमाने पर हिसा, जबरन धर्मांतरण और अन्याय के शिकार हो रहे हैं। इन्हें ही भारत में नागरिकता देने के लिए कानून लाया गया है। इस कानून को लेकर किसी को भी भ्रमित होने की जरूरत नहीं है। इसी प्रकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर(एनपीआर) भी नया नहीं है। प्रत्येक दस वर्षो में जनगणना का प्रावधान है ताकि इसके आंकड़े के आधार पर विकास की योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा सके। ये वरिष्ठ साहित्यकार स्व.स्वामीनाथ पांडेय के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वर्तमान में श्री पांडेय वाराणसी के पांडेयपुर में रहते हैं एवं काशी के वरिष्ठ नवगीतकार प्रसिद्ध समीक्षक है। इनकी अब तक डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें विभिन्न संस्थाओं से राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार भी मिल चुका है।