योगाभ्यास को जीवनशैली का हिस्सा बनायें
https://www.shirazehind.com/2020/04/blog-post_39.html
जौनपुर। वैश्विक आपदा के रूप में कोरोना वायरस के संकट का भय अब धीरे-धीरे लोगों में मन और मस्तिष्क में छाता जा रहा है जिसके कारण धीरे-धीरे डिप्रेशन जैसी समस्याओं से घीरते चले जा रहे हैं जो की किसी भी तरह से ठीक नहीं है । ऐसे व्यक्तियों को पूर्ण रूप से हिदायत दी जानी चाहिए कि वह सम्पूर्ण रूप से प्राकृतिक जीवनशैली को अपनाना शुरु करें जिसके अन्तर्गत अनिद्रा से बिलकुल बचें और सुबह जल्दी जगें व रात को जल्दी सोयें । योगाभ्यास को जीवनशैली का महत्वपूर्ण हिस्सा बनायें जिससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है इसके साथ ही इस विधा से व्यक्ति अपनें मानसिक तनाव को पूर्ण रूप से नियन्त्रित कर लेता है । प्राणायामों में भस्स्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उद्गीथ प्राणायामों का अभ्यास कुछ सावधानियों के साथ हर उम्र के लोगों को करना चाहिए इसके साथ ही सुबह के वक्त सूर्य के प्रकाश में किसी भी ध्यानात्मक मुद्रा में बैठकर कम से कम दस मिनट तक मेडिटेशन अवश्य करना चाहिए । प्राकृतिक औषधियों के रूप में गिलोय के काढ़े का सेवन अवश्य करें जिसमें अदरक,काली मिर्च, कच्ची हल्दी, तुलसी की पत्ती भी मिले हों । स्वस्थ मनोरंजन के रूप में पठन-पाठन के साथ संगीतमय जीवनशैली व्यक्ति के मानसिक तनाव को कम करने के लिए अति आवश्यक होता है ।