गरीबों से अवैध वसूली करने वाले कोटेदार व सुपरवाइजर के खिलाफ एफआइआर दर्ज, कोटेदारो में मचा हड़कंप
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जौनपुर। गरीबों से अवैध रूप से पैसा वसूलने के आरोप में कोटेदार व सुपरवाइजर के खिलाफ जिलापूर्ति अधिकारी ने नगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होते ही अन्य कोटेदारो में हड़कंप मच गया है। सूत्रो से खबर है कि कोटेदार के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए कई सत्ता पक्ष के नेताओं ने पूरी ताकत झोक दिया है।
दुनियां में फैले कोरोना वायरस को देखते हुए देश में लाॅकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में मजदूरो और गरीबो के सामने भूखमरी की नौबत आ गयी है। इस विकराल समस्या को देखते हुए सरकार ने लाल कार्ड धारक गरीबों को मुफ्त में राशन देने का ऐलान कर दिया गया। दो अप्रैल से गरीबों को मुफ्त में अनाज वितरण का कार्य शुरू हो गया। इसकी निगरानी के लिए खुद डीएम दिनेश कुमार सिंह दुकानों पर जाकर जायजा लिया। उधर जहांगीराबाद के कोटेदार सोमेश गुप्ता सरकार के आदेश को धता बताते हुए प्रति कार्ड धारक से 30-30 रूपये वसूलना शुरू कर दिया। यह बात डीएम तक पहुंची तो उन्होने तत्काल डीएसओं को जांच आदेश दे दिया। जांच पड़ताल में शिकायत सही पाये जाने पर कोटेदार और वितरण की देखरेख में लगे सुपरवाइजर के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
राशन वितरण पूर्ति निरीक्षक नगरीय क्षेत्र रत्नेश कुमार श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में कराया जा रहा था। जिलाधिकारी द्वारा कार्य में शिथिलता व लापरवाही बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी तथा मुख्य सेविका अनिता यादव की ड्यूटी राशन वितरण हेतु उक्त कोटेदार के यहां लगायी गयी थी, उनकी निगरानी में ही राशन वितरण कराया जा रहा था। जिलाधिकारी ने मुख्य सेविका के निलम्बन की संस्तुति निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार से की है। हलांकि कोटेदार को बचाने के लिए सत्तापक्ष के कुछ नेताओ ने पूरी ताकत झोक दिया था इसके बावजूद भी आरोपी कोटेदार बच नही पाया।
दुनियां में फैले कोरोना वायरस को देखते हुए देश में लाॅकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में मजदूरो और गरीबो के सामने भूखमरी की नौबत आ गयी है। इस विकराल समस्या को देखते हुए सरकार ने लाल कार्ड धारक गरीबों को मुफ्त में राशन देने का ऐलान कर दिया गया। दो अप्रैल से गरीबों को मुफ्त में अनाज वितरण का कार्य शुरू हो गया। इसकी निगरानी के लिए खुद डीएम दिनेश कुमार सिंह दुकानों पर जाकर जायजा लिया। उधर जहांगीराबाद के कोटेदार सोमेश गुप्ता सरकार के आदेश को धता बताते हुए प्रति कार्ड धारक से 30-30 रूपये वसूलना शुरू कर दिया। यह बात डीएम तक पहुंची तो उन्होने तत्काल डीएसओं को जांच आदेश दे दिया। जांच पड़ताल में शिकायत सही पाये जाने पर कोटेदार और वितरण की देखरेख में लगे सुपरवाइजर के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है।
राशन वितरण पूर्ति निरीक्षक नगरीय क्षेत्र रत्नेश कुमार श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में कराया जा रहा था। जिलाधिकारी द्वारा कार्य में शिथिलता व लापरवाही बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी तथा मुख्य सेविका अनिता यादव की ड्यूटी राशन वितरण हेतु उक्त कोटेदार के यहां लगायी गयी थी, उनकी निगरानी में ही राशन वितरण कराया जा रहा था। जिलाधिकारी ने मुख्य सेविका के निलम्बन की संस्तुति निदेशक बाल विकास एवं पुष्टाहार से की है। हलांकि कोटेदार को बचाने के लिए सत्तापक्ष के कुछ नेताओ ने पूरी ताकत झोक दिया था इसके बावजूद भी आरोपी कोटेदार बच नही पाया।