लॉकडाउन में चंद बारातियों के बीच सादगी से हुआ निकाह

जौनपुर । कोरोना वायरस ने भले ही पूरे विश्व में तबाही मचा रखी हो लेकिन जिन लोगों के यहां बेटे व बेटियां शादी की उम्र को पहुंच गयी लेकिन आर्थिक कमजोरी के कारण शादी नहीं कर पा रही थी, उनके लिए यह अवसर बनकर आया। जौनपुर में बिना किसी शादी के तामझाम के बीच मौलाना सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए कुरान की आयतें पढ़ कर निकाह की रस्मे पूरी कर रहे है । कुछ ऐसे ही अनोखे अंदाज में शनिवार को नगर के मोहल्ला सिपाह में एक घर में निकाह संपन्न हुआ। मोहल्ला सिपाह निवासी सैय्यद वज़ीरुल हसन की पुत्री की बारात शनिवार को आई। नगर के मोहल्ला अजमेरी निवासी सैय्यद अनवारुल हसन के पुत्र सैय्यद अमीरुल हसन दस लोगों के साथ ही सेहरा बांधकर बारात लेकर पहुंचे। लॉकडाउन के मद्देनजर कोई भीड़-भाड़ तथा चकाचौंध नहीं थी। सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी एवं मौलाना दिलशाद आब्दी ने दूल्हा-दुल्हन का निकाह पढ़ा। निकाह संपन्न होकर दुल्हन-दूल्हे के साथ अपने ससुराल रुखसत हो जाती है। 

इस दौरान लॉकडाउन का पूरा असर दिखाई दिया , दुल्हन पक्ष के लोगो ने पहले हैंडवाश से बारातियों का हाथ धुलवाया और कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतते हुए सभी कार्य संपन्न कराएं। इस मौके पर धर्मगुरु मौलाना सफ़दर हुसैन ज़ैदी ने कहा कि इस प्रकार से ही कम लोगों की बारात हो तो समाज के लिए यह अच्छा संदेश होगा। उन्होंने कहा कि आज का निकाह शासन प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार किया गया है मौलाना ने नवविवाहित दूल्हा-दुल्हन को दुआएं दिया साथ ही लोगों से अपील किया कि इसी प्रकार सादगी के साथ लोग शादियां करें जिससे दुल्हन पक्ष के लोगो पर बोझ न पड़े ।

वही दूल्हा के पिता सैय्यद अनवारुल हसन ने बताया की मेरा एक बेटा महमुदुल हसन खाड़ी देश दुबई में है जो लॉक डाउन के कारण अपने भाई की शादी में शामिल नही हो पाया । जिसका पूरे परिवार को बेहद अफसोस है ,शादी की पूरी रस्म महमुदुल ने आनलाइन देखकर अपने भाई को निकाह के बाद मुबारकबाद पेश किया ।

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