जमात से जुड़े 14 बांग्लादेशियों की जमानत खारिज

रिपोर्ट - हिमांशु श्रीवास्तव 

गिरफ्तारी के बाद आरोपियों का पासपोर्ट किया गया है जब्त, बाद में आरोपियों पर धारा 307 की हुई बढ़ोतरी
जौनपुर।  जमात से जुड़े 14 बांग्लादेशी आरोपियों मोहम्मद फिरदौस,नूर मोहम्मद,मोहम्मद इस्माइल हुसैन,सैफुद्दीन आदि की जमानत मुख्य न्याय दंडाधिकारी ने गुरुवार को निरस्त कर दिया।आरोपियों पर प्रारंभ में फॉरेनर्स एक्ट, पासपोर्ट एक्ट व लॉकडाउन के उल्लंघन में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।बाद में आरोपियों पर कोरोना संक्रमण लोगों में फैला कर उनकी जान को जोखिम में डालने के आरोप में हत्या के प्रयास की धारा तथा महामारी अधिनियम की धाराओं की बढ़ोतरी की गई। एक बांग्लादेशी आरोपी तथा इसी मामले में एक रांची, झारखंड का आरोपी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे हालांकि बाद में दोनों ठीक हो गए।आरोपियों के जमानत प्रार्थना पत्र में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है। प्रार्थना पत्र में आरोपियों ने स्वयं को निर्दोष तो बताया ही है साथ ही लिखा है कि वह संभ्रांत परिवार से संबंध रखने वाले चल अचल संपत्ति के स्वामी है और जमानतदार देने को तैयार हैं।विदेशी बांग्लादेशियों को भारत में जमानतदार कहां से मिल रहे हैं यह विचारणीय प्रश्न है। जाहिर है जब यहीं से जुड़े लोग इनको ठहरा रहे हैं तो जमानत की भी व्यवस्था वही करेंगे।जमानत इत्यादि के लिए फंडिंग की व्यवस्था भी की जा रही है जो बड़ी संभावनाओं को जन्म देता है। अभी हाल ही में जब यह खबर वायरल हुई थी जिस प्रसाद इंटरनेशनल स्कूल की अस्थाई जेल में आरोपी बंद है वहां उनके लजीज़ भोजन व रहने सहने की काफी उत्तम व्यवस्था की गई है और वे मेन्यू के हिसाब से वेज और नॉनवेज भोजन कर रहे हैं तो जिले में हड़कंप मच गया। खबर के बाद जब सख्ती बरती गई तब आरोपी जमानत करा कर बाहर निकलने की फिराक में हैं।

31 मार्च 2020 को मुखबिर की सूचना पर चौकी प्रभारी शिकारपुर सुरेश कुमार मौर्या व अन्य पुलिसकर्मियों ने लाल दरवाजा के सामने केराकत निवासी मौलाना मुनीर अहमद के मकान से 14 बांग्लादेशियों,एक पश्चिम बंगाल व एक झारखंड के आरोपी को गिरफ्तार किया था।18 आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी।आरोपियों पर लॉकडाउन के उल्लंघन में एक जगह इकट्ठा होने तथा फॉरेनर्स एक्ट और पासपोर्ट एक्ट के उल्लंघन करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। बांग्लादेशियों को गिरफ्तार कर उनका पासपोर्ट जब्त किया गया तथा उन्हें शेल्टर होम में दाखिल किया गया। बाद में न्यायालय ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जब जेल भेजने का आदेश दिया तब आरोपियों को अन्य आरोपियों के साथ अस्थाई जेल प्रसाद इंटरनेशनल स्कूल में रखा गया।तब से आरोपी उसी जेल में है।मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत निरस्त होने के बाद अब आरोपी सेशन कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र देने की तैयारी में है।देश में कोरोना संक्रमण की प्रतिशत में वृद्धि का कारण जमाती लोग ही हैं।दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में जमातियों के आका मोहम्मद शाद ने जमात में शामिल लोगों को यही संदेश दिया था कि पूरे देश में फैल कर कोरोना संक्रमण फैलाएं।शाद पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद देशभर में जमातियों पर धारा 307 आईपीसी लगाई गई।

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