विधायक और एसपी भी जब नहीं दिला पाए न्याय तब मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग
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जौनपुर। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद निवासी फोटो स्टेट की दुकान के मालिक विनोद सिंह ने मुख्यमंत्री, मानवाधिकार आयोग व डीजीपी को दरखास्त भेज कर थानाध्यक्ष लाइन बाजार,चौकी इंचार्ज मियांपुर,पुलिसकर्मी रामाश्रय व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कठोर कार्रवाई की मांग किया है फोटोस्टेट के 40 के विवाद को लेकर पुलिसकर्मियों ने विनोद के परिवार वालों को मारा पीटा और पकड़ कर थाने पर ले गए तो विधायक हरेंद्र सिंह वहां पहुंचकर एसपी को पुलिसकर्मियों की ज्यादती के बारे में बताया एसपी ने पुलिसकर्मी रामाश्रय को निलंबित कर दिया इस पर खार खाए थानाध्यक्ष लाइन बाजार ने रामाश्रय की तहरीर पर विनोद व उसके परिवार वालों के खिलाफ लोक सेवक पर हमला,मारपीट व बलवा आदि संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया जब विधायक और पुलिस अधीक्षक भी वादी को न्याय दिलाने में असफल रहे तब उसने पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए उच्चाधिकारियों को न्याय की गुहार लगाया उसने मुख्यमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों को फैक्स किया कि 6 जून 2020 को 6:30 बजे शाम लाइनबाजार थाने का सिपाही रामाश्रय उसकी फोटो स्टेट की दुकान पर आया। 20 कापी फोटोस्टेट कराया।जब उसने सिपाही से 20 कॉपी के 40 रूपए मांगे तो मां बहन की गालियां देते हुए कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई हमसे पैसे मांगने की।इस पर प्रार्थी विनोद ने अपना फोटोस्टेट कॉपी वापस लेकर कहा कि पहले पैसा दीजिए तब कॉपी दूंगा।इस पर सिपाही ने वादी को कई थप्पड़ मारे।आसपास के लोग आकर किसी तरह बचाए।सिपाही गालियां देते हुए चला गया।थोड़ी देर बाद थानाध्यक्ष लाइन बाजार, चौकी इंचार्ज मियांपुर,सिपाही संदीप व अन्य पुलिसकर्मी कई गाड़ियों से दुकान के पीछे स्थित उसके घर पर चढ़ आए।दरवाजा तोड़ते हुए घर में घुस गए।उसके दोनों लड़कों तथा दिव्यांग भतीजे व गर्भवती भतीजी को पुलिसकर्मियों ने लात मुक्के से मारा-पीटा।लड़कों को घसीट कर थाने ले गए।वहां भी मारेपीटे।गर्भवती भतीजी को अंदरूनी चोटें लगने से उसे ब्लीडिंग होने लगी।क्षेत्रीय विधायक,मोहल्ले के लोगों तथा मीडिया कर्मियों के इकट्ठा होने पर थानाध्यक्ष व अन्य सिपाही यह धमकी देकर छोड़ दिए कि तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसा दूंगा।चैन से नहीं रहने दूंगा।जिससे वादी व उसका परिवार अत्यंत डरा सहमा है।पुलिस अधीक्षक को जानकारी होने के बावजूद अभी तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उसकी एफ आई आर दर्ज नहीं की गई