लाॅक डाउन में इस प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका ने लिख डाली किताब
https://www.shirazehind.com/2020/06/blog-post_349.html
जौनपुर। प्राथमिक विद्यालय की एक शिक्षिका व युवा कवयत्रि ने लाॅक डाउन के दरम्यान अपने समय का सद्पयोग करते हुए एक किताब लिख डाली। यह पुस्तक जीवन पर आधारित है। हर कविता सकारात्मक सोच के साथ जीवन जीने की सीख दे रही है। खास बात यह है कि इस किताब के पेज सेटिंग और मुख्य पृष्ठ तक की डिजाइनिंग खुद लेखिका ने ही किया है। हलांकि इस किताब का विमोचन लाॅक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग के कारण अभी नही हो पायी है। जल्द ही जिला प्रशासन से अनुमति लेकर लोकापर्ण किया जायेगा।
नगर के सिटी स्टेशन के पास स्थित हरिबंधनपुर नई कालोनी की निवासी सुमति श्रीवास्तव प्राथमिक विद्यालय मोकलपुर (मड़ियाहूं) में सहायक अध्यापक पद पर तैनात है। सुमति को बचपन से ही कविताओं को लिखने व पढ़ने का शौक है। छात्र जीवन में वे कालेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कविताएं पढ़ने का मौका मिलता रहा। सुमति स्नातक की शिक्षा टीडीपीजी कालेज से किया,राजकालेज से शिक्षा शास्त्र से एमए की तथा बी एड बिहारी महिला महाविद्यालय मछलीशहर से किया। उसके बाद से वे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्य कर रही है। सुमति बताती है कि हमारे दिल में कई वर्षो से किताब लिखने इच्छा थी लेकिन नौकरी और परिवारिक जीवन में व्यस्तता के चलते हमारी मंशा पुरी नही हो सकी। मैने समय निकालकर नवम्बर 2019 में "मकरन्द की टीस" नामक किताब लिखना शुरू किया। लेकिन समय के अभाव के चलते कविता लिखने की गति काफी धीमी रही। मार्च के आखिरी सप्ताह में देश में लाॅक डाउन हुआ तो मुझे पूरा समय मिला तो मैने उसका उपयोग करते हुए कुल 54 कविताएं लिख डाली। उसके किताब की डिजाइनिंग करके पंजाब से पुस्तक की छपायी। लेकिन अभी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम बंदेशे है जिसके कारण किताब का विमोचन नही करा पा रही हूं।
सुमति ने कहा कि यह मेरी एकेले की पहली पुस्तक है जिसे मै अपनी स्वर्गीय मां राजकुमारी व शिव कुमार लाल को समर्पित किया है।
इससे पूर्व सुमति का (सांझा संकलन) स्वरांजली,कविताओं का संगम,नयी जमीं नया आसमान जैसी एक दर्जन से अधिक किताबे छप चुकी है।
सुमति की कविताएं अनेक दैनिक समाचार पत्रों,एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। तथा तीन दर्जन से अधिक सम्मान भी प्राप्त कर चुकी है।
इससे पूर्व सुमति तेजस ई मैगजीन की शुरू किया तथा गीत कमल ई मैगजीन व गजल गुंजन की सह सम्पादक है।
नगर के सिटी स्टेशन के पास स्थित हरिबंधनपुर नई कालोनी की निवासी सुमति श्रीवास्तव प्राथमिक विद्यालय मोकलपुर (मड़ियाहूं) में सहायक अध्यापक पद पर तैनात है। सुमति को बचपन से ही कविताओं को लिखने व पढ़ने का शौक है। छात्र जीवन में वे कालेज में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कविताएं पढ़ने का मौका मिलता रहा। सुमति स्नातक की शिक्षा टीडीपीजी कालेज से किया,राजकालेज से शिक्षा शास्त्र से एमए की तथा बी एड बिहारी महिला महाविद्यालय मछलीशहर से किया। उसके बाद से वे प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्य कर रही है। सुमति बताती है कि हमारे दिल में कई वर्षो से किताब लिखने इच्छा थी लेकिन नौकरी और परिवारिक जीवन में व्यस्तता के चलते हमारी मंशा पुरी नही हो सकी। मैने समय निकालकर नवम्बर 2019 में "मकरन्द की टीस" नामक किताब लिखना शुरू किया। लेकिन समय के अभाव के चलते कविता लिखने की गति काफी धीमी रही। मार्च के आखिरी सप्ताह में देश में लाॅक डाउन हुआ तो मुझे पूरा समय मिला तो मैने उसका उपयोग करते हुए कुल 54 कविताएं लिख डाली। उसके किताब की डिजाइनिंग करके पंजाब से पुस्तक की छपायी। लेकिन अभी कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सोशल डिस्टेंसिंग समेत तमाम बंदेशे है जिसके कारण किताब का विमोचन नही करा पा रही हूं।
सुमति ने कहा कि यह मेरी एकेले की पहली पुस्तक है जिसे मै अपनी स्वर्गीय मां राजकुमारी व शिव कुमार लाल को समर्पित किया है।
इससे पूर्व सुमति का (सांझा संकलन) स्वरांजली,कविताओं का संगम,नयी जमीं नया आसमान जैसी एक दर्जन से अधिक किताबे छप चुकी है।
सुमति की कविताएं अनेक दैनिक समाचार पत्रों,एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। तथा तीन दर्जन से अधिक सम्मान भी प्राप्त कर चुकी है।
इससे पूर्व सुमति तेजस ई मैगजीन की शुरू किया तथा गीत कमल ई मैगजीन व गजल गुंजन की सह सम्पादक है।
Thanks a lot
जवाब देंहटाएंKitab likhne par apko meri taraf se bahut bahut badhai aap isi tarah se apne desh,kul,samaj,mitron ka samman badhate rahiye . yahi meri kamna hai.
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