अवैध नियुक्तियों और अनावश्यक धन भुगतान के दबाव के चलते पूर्वांचल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गए अवकाश पर !

जौनपुर।  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में तेज़ी से घटे घटना क्रम में अचानक रजिस्ट्रार अवकाश पर चले गए हैं। सूत्रों ने बताया कि कोविड 19 अस्पताल को जिला प्रशासन को दिए जाने के दिन से ही कुलपति और कुलसचिव के बीच खाई बहुत बढ़ गयी थी।कुलपति खुलेआम रजिस्ट्रार पर जिला प्रशासन का साथ देने का आरोप लगा रहे थे वही रजिस्ट्रार शासन के आदेश का हवाला दे रहे थे।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर आर यादव के कार्यकाल का यह अंतिम महीना चल रहा है। राजभवन से नए कुलपति का आगमन इसी महीने कभी भी हो सकता है।वर्तमान में कुलपति प्रोफेसर आर आर यादव के पास अपना एजेंडा और तमाम कार्य लागू किये जाने को लेकर समय बहुत कम बचा है इसलिए आजकल अनर्गल और अनीतिपूर्ण निर्णयों में वह फिर से सक्रिय हो गए है।ऐसे में रजिस्ट्रार के अचानक छुट्टी पर चले जाने से विश्वविद्यालय परिसर में कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच अफवाहों का बाजार बहुत गर्म है। विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि इस समय रजिस्ट्रार के छुट्टी पर जाने के पीछे का मामला लॉक डाउन के दौरान पुरानी तारीखों में  विभिन्न संस्थानों और विभागों में की गई अवैध नियुक्तियाँ और निर्माण एजेंसियों को मनमाने भुगतान को लेकर है।कुलपति प्रोफेसर आर आर यादव द्वारा लॉक डाउन में गोपनीय  तथा नियम कानून को ताक पर रख कर अपने परिचितों की बड़े पैमाने पर नियुक्तियाँ कर दी गई हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इन नियुक्तियों को बिना रजिस्ट्रार के दस्खत के जारी नही कर सकता था। इन नियुक्ति पत्रों पर दस्खत के लिए कुलपति ने रजिस्ट्रार सुजीत कुमार जायसवाल पर अधिक दबाव बना दिया था। रजिस्ट्रार  अपने को फंसता देख इस प्रकरण से किनारा करने के लिए छुट्टी लेकर इस इन सभी प्रकरणों से पीछा छुड़ा लिया है। सूत्रों ने बताया कि आज नए रजिस्ट्रार का चार्ज किसी अन्य अधिकारी को दिया जाएगा लेकिन विश्वविद्यालय का कोई अधिकारी चार्ज लेने को तैयार नही है क्योंकि जो भी रजिस्ट्रार का चार्ज लेगा उसी से सभी नियुक्तियों पर हस्ताक्षर कराए जाएंगे। इस संबंध में कुलपति और रजिस्टर  से बात करने का प्रयास किया लेकिन फोन नहीं लग पाया।
 इस संबंध में एडवोकेट विकास तिवारी ने कहा कि यह बहुत गलत हो रहा है। इस समय विश्वविद्यालय के अंतर्गत के दो जनपद मऊ और आज़मगढ़ जब आज़मगढ़ में बनने वाले नए राज्य विश्वविद्यालय में शामिल होने जा रहे हैं ऐसे समय विश्विद्यालय में ऐसी घटनाओं से विश्वविद्यालय के हितैषियों में घोर निराशा होगी। विश्वविद्यालय गम्भीर आर्थिक सन्कट के दौर से गुजर रहा है। अविवेक पूर्ण निर्णय, निर्माण कार्यों में धन का निरथर्क अपव्यय और अनावश्यक हित साधना मे की जाने वाली नियुक्तियों को अब विश्वविद्यालय का कोष झेल नही पायेगा। एडवोकेट विकास तिवारी ने मांग की है कि शासन-प्रशासन तत्काल अपनी नज़र लॉक डाउन के दौरान विश्वविद्यालय में चल रही इन अवैध गतिविधियों पर अपनी नज़र केंद्रित करे जिससे कुलपति प्रोफेसर आर आर यादव अपने गलत और असंसदीय मंसूबों में सफल न हो सकें।

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