कोरोना काल में ऐसे होंगे विवाह,फूफा होंगे नाराज

हिमांशु श्रीवास्तव  
जौनपुर। कोरोना महामारी ने विवाह में शामिल लोगों की संख्या को सीमित कर दिया है।अब 30 लोग ही विवाह में शामिल होंगे।अक्सर मजाक में कही जाने वाली बात कि 'फूफा जी नाराज हो जाएंगे' लगता है सच होगी।आमतौर पर होने वाली शादियों में जहां धूमधाम से नाचते गाते हुए बारात आती थी और बेटी विदा होती थी उस पर अब कोरोना का ग्रहण लग गया है।अगर बाजा वाले,गाड़ियों के ड्राइवर,खाना बनाने वाले इत्यादि को लेने के बाद परिवार के सदस्यों में माता पिता,भाई बहन, लड़की,दामाद,समधी इत्यादि को जोड़ा जाए तब भी संख्या 30 के पार हो जाएगी।ऐसी स्थिति में अन्य रिश्तेदारों का शादी में शामिल होना संभव ही नहीं होगा क्योंकि शादी में कितने लोग शामिल होंगे इसकी अनुमति लेने के लिए लिखित में सब का नाम जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी को देना होगा। मध्यम वर्गीय शादियों में अक्सर रिश्तेदार वर वधू को उपहार देकर सहयोग कर देते थे।जैसे लड़की पक्ष के रिश्तेदार में किसी ने वाशिंग मशीन दे दी तो किसी ने टीवी और किसी ने फ्रिज लेकिन जब रिश्तेदार बुलाए ही नहीं जाएंगे तो उनसे किसी प्रकार के उपहार की उम्मीद भी करना बेमानी होगा।साथ ही शादी विवाह में निभाई जाने वाली रस्मो की परंपरा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। द्वारचार,हल्दी पूजन, मांगलिक गीत इत्यादि में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के कारण असुविधा होगी। बारात में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।लड़की भी जिस प्रकार बारी-बारी से अपने परिजनों से गले मिलकर विदा लेती है। उसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग प्रभाव डालेगी।इसके अलावा सामूहिक विवाह का जो आयोजन होता है और काफी संख्या में जोड़े सात फेरे लेते हैं इसके लिए भी सरकार को नियम बनाने पड़ेंगे क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग इसमें भी बाधा पैदा करेंगी। कोरोना काल में होने वाले विवाह का सकारात्मक पहलू भी है कि जिस प्रकार गरीबों के घर में कम खर्च में शादियां होती थी दिखावे में पैसे खर्च नहीं किए जाते जबकि मध्यम व उच्च वर्ग में हाई-फाई दिखाने में ही लाखों करोड़ों खर्च हो जाते हैं, इस मामले में कोरोना ने हर वर्ग को बराबर कर दिया। गेस्ट हाउस,खानपान, रोड लाइट,डीजे इत्यादि के खर्च में भी कमी आएगी।गरीब परिवार बिना कर्ज लिए बेटी को विदा कर सकेंगे।उन पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। कोरोना ने गरीब मध्यम वर्ग को शादियों के मामले में एक समान कर दिया है।दिखावे व ताम झाम में लोग ज्यादा रुपए खर्च करते थे।पैसे का दुरुपयोग बहुत कम हो जाएगा।

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